रुकावट के लिए खेद है

***राजीव तनेजा*** "बात पिछले साल की है....चार दिन थे अभी त्योहार आने में... मैँ मोबाईल से दनादन 'एस.एम.एस'किए जा रहा था" "क्रिसमस का त्योहार जो सिर पर था लेकिन ये 'एस.एम.एस' मैँ..अपने खुदगर्ज़ दोस्तों को या फिर मतलबी रिश्तेदारों को नहीं कर रहा था" "ये तो मैँ उन रेडियो वालों को भेज रहा था जो गानों के बीच-बीच में अपनी टाँग अडाते हुए बार-बार फलाने व ढीमके नम्बर पे 'एस.एम.एस' करने की गुजारिश कर रहे थे कि फलाने-फलाने नम्बर पे 'जैकपॉट'लिख के 'एस.एम.एस' करो तो 'साँता' आपके घर-द्वार आ सकता है ढेर सारे...

कभी तो माएके जा री बेगम(ऑडियो/पँजाबी)सहित

मुझे मेरे एक मित्र ने ये कविता मेरे मोबाईल में ब्लूटुथ के जरिए फॉरवर्ड की थी।मुझे सुनने में बहुत अच्छी लगी तो मैँने सोचा कि इसे सभी के साथ शेयर करना बेहतर रहेगा।ये कविता दरअसल पंजाबी में है और जिन सज्जन ने इसे लिखा है ..मैँ उनका नाम नहीं जानता।शायद वो पाकिस्तान से हैँ।अपने सभी पढने वालों के फायदे के लिए मैँने इसका हिन्दी में अनुवाद करने की कोशिश की है।उम्मीद है कि आप सभी को पसन्द आएगी। असली रचियता से साभार सहित Get this widget | Track details | eSnips Social DNA राजीव तन...

मेरी पाँचवी कहानी नवभारत टाईम्स पर

पहली कहानी- बताएँ तुझे कैसे होता है बच्चा दूसरी कहानी- बस बन गया डाक्टर तीसरी कहानी- नामर्द हूँ,पर मर्द से बेहतर हूँ चौथी कहानी- बाबा की माया पाँचवी कहानी- व्यथा-झोलाछाप डॉक्टर की Navbharat Times - Breaking news, views. reviews, cricket from across India   'व्यथा-झोलाछाप डॉक्टर की' 10 Dec 2008, 1130 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  राजीव तनेजा कसम ले लो मुझसे ' खुदा ' की या फिर किसी भी मनचाहे भगवान की। तसल्ली न हो तो बेशक ' बाबा रामदेव ' के यहां मत्था टिकवा कर पूरे सात...

याहू!.....10000 का आँकड़ा पार

याहू!.... हँसते रहो पर आने वालों की सँख्या 10000(दस हज़ार) के आँकड़े को पार कर गई है। मैँ राजीव तनेजा अपने सभी चाहने वालों का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने इस नाचीज़ की छोटी-छोटी कहानियों को पढने के लिए अपना कीमती वक्त दिया। एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया राजीव तनेजा...
 
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