मुझे मेरे एक मित्र ने ये कविता मेरे मोबाईल में ब्लूटुथ के जरिए फॉरवर्ड की थी।मुझे सुनने में बहुत अच्छी लगी तो मैँने सोचा कि इसे सभी के साथ शेयर करना बेहतर रहेगा।ये कविता दरअसल पंजाबी में है और जिन सज्जन ने इसे लिखा है ..उनका नाम ज़ाहिद फाखरी है और वो पाकिस्तान से हैँ।पंजाबी ना समझने वालों के लिए मैँने इसका हिन्दी में अनुवाद करने की कोशिश की है।
उम्मीद है कि आप सभी को पसन्द आएगी। ज़ाहिद फाखरी जी से साभार सहित
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