साहब!...मक्खी ही तो है

***राजीव तनेजा***

super soup

 

ग्राहक वेटर से:सुनो!....मेरे सूप में मक्खी है

 

soup..

 

वेटर:छोड़िए ना साहब!...मक्खी ही तो है...कितना सूप पी जाएगी?

ग्राहक:बेवाकूफ!...पागल समझ रखा है क्या मुझे?...

वेटर:अगर आपको एतराज़ है तो लीजिए....मैँ अभी इसका काम तमाम किए देता हूँ

soup........

15 comments:

Anil Pusadkar said...

हंसना शुरू हो गया है।

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) said...

namaskaar taneja ji maja aa gya aap itne saare visya ke baare me soch kise lete hai mai to haste haste pagal hun mera prnaam swikaar kare
saadar
praveen pathik
9971969084

निर्मला कपिला said...

हा हा हा बहुत खूब्

Dr. Ravi Srivastava said...

मित्र, आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी और हमें अच्छी -अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगे, बधाई स्वीकारें।

आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं।
आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...

Link : www.meripatrika.co.cc
गुदगुदी : http://gudgudi-khazana.blogspot.com/

…Ravi Srivastava

Anil Pusadkar said...

जन्म दिवस की बधाईयां। मेरी तरफ़ से बिना मक्खी वाला सूप पी लेना। हा हा हा हा हा।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

हमारे यहां तो काकरोच तक को निकाल कर सूप पी लेते हैं...पागल एक मक्खी के पीछे सूप गंवा बैठा न !

अविनाश वाचस्पति said...

तनेजा जी जिसे मक्‍खी समझे बैठे थे

ब्‍लॉगर थी

आपने उसे निचुड़वा दिया

वो आपको बधाई देने रूप बदल कर आई थी

पर आपको नार होते हुए भी

न जाने क्‍यों नहीं लुभाई थी।

Unknown said...

किसी ने सच ही कहा है की किसी को रुलाना बहुत आसान है लेकिन हँसाना बहुत मुश्किल...
ऐसे में आपकी कोशिश कबीले-ए-तारीफ है...
लिखते रहिये....
शुभकामनायें...
www.nayikalam.blogspot.com

श्रद्धा जैन said...

hahahaha sahi hai

श्रद्धा जैन said...

Janamdin par meri hardik subhkamanye sweekar kare

वीनस केसरी said...

आप को जन्मदिन की हार्दिक शुभ कामनाये

वीनस केसरी

Murari Pareek said...

आप भी राजीव जी एक मक्खी के गिरने से इतने नाराज हो गए | ओह ये मक्खी हमारे होटल की नहीं है!! हा...हा..हा..

मीत said...

अच्छा हुआ माखी को मरने के लिए वो बन्दूक नहीं लाया....
मीत

स्वप्न मञ्जूषा said...

sahi hai.. aakheer kitan soup pee jati makkhi..?

hahhahahaha

Anonymous said...

आदत पडी है सबको, सडकों पे गंदा खाना खाने की ।

 
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