***राजीव तनेजा***
आईए...आईए...आईए...पहचानिए...और पूरे ब्लॉगजगत को बताईए कि इस चित्र रूपी नकाब के अन्दर किस ब्लॉगर का चेहरा छुपा है? और बदले में ईनाम स्वरूप "खंबा नोचती खिसियानी बिल्ली के टूटे नाखूनों" का एक सैट बिलकुल मुफ्त...पाईए
क्या कहा?..ईनाम आपको कुछ अजीब सा लगा?...
तो लगने दीजिए ना जनाब...लगने में क्या जाता है?...हमें तो बस ऐसे ही ऊल-जलूल बातें बनाना आता है।
तो लीजिए मेहरबान ...कद्रदान ...साहेबान
पेश है...आपकी खिदमत में थूकदान...पीकदान
ऊप्स!...सॉरी...पेश है आपकी खिदमत में आज का पहला चित्र
तो फिर देखिए...पहचानिए और टिप्पणी कर हमें उत्साहित कीजिए जनाब
लग गया तो तीर...नहीं तो तुक्का समझ लेना
कुछ भी हो लेकिन अपना टिप्पणी रूपी आशीश हमें ज़रूर देना
आज कुछ शरारत करने का मन हुआ तो सोचा कि क्यों ना हिन्दी ब्लॉगजगत के कुछ बेनामी और चर्चित ब्लॉगरों की तस्वीरों के साथ कुछ छेड़छाड़ की जाए और फिर आप सबको आमंत्रित किया जाए उन्हें पहचानने के लिए।
क्यों?...कैसा लगा आईडिया?...ज़रूर बताईएगा...
***राजीव तनेजा***
14 comments:
कभी तो समीर लाल, रे वही उड़नतश्तरी वाले तो कभी संजय बैंगाणी लगते हैं. इन्हीं दो में से कोई हो तो हो.
सही शरारत सूझी. :)
पता नही लग रहा, अभी ति नींद आ रही है सुबह बतायेगे.लेकिन मजेदार
थोडा घायल सा लग रहा है. घायल अगर किसी का नाम हो तो क्षमायाचना सहित
kuchh samajh nahin aa raha Sharad ji, Mahfooz bhai ya Khushdeep ji me se koi hain kya?
jo bhi ho apki kalakari ki daad deni hogi... dhang se chhipaya hai... Tau ki bachkani paheliyon se kai guna behtar hai.
aur aapne wada kiya tha lekin ab blog pe aate hi nahin...
अभी तक तो किसी का जवाब सही नहीं है...लगाईए...लगाईए...और दिमाग लगाईए...
नहीं तो आज रात आठ बजे तक इंतज़ार कीजिए...नई पहेली के साथ आपको इस पहेली का हल भी मिल जाएगा...
जी हाँ!...नई पहेली...अब कुछ दिन और तक तो आप सभी का दिमाग घुमाना है कि नहीं?
योगेन्द्र मौद्गिल हैं
मुझे मुनव्वर के साथ्ा लपेट लिया
और योगेन्द्र को बना दिया पहलवान।
अगर हम जीत जाएं तो
हमारे हिस्से के नाखूनों का सैट
ताऊ पहेली में प्यारी काली बिल्ली को भिजवायें।
राजीव भाई,
अपुन तो बच गए लगते हैं...खाते-पीते घर के हैं लेकिन इतने भी
नहीं जितना तस्वीर में नज़र आ रहे हैं...
दूसरी बात कहीं खली ने तो ब्लॉग लिखना शुरू नहीं कर दिया, जिसकी खबर सिर्फ राजीव तनेजा को ही हो....
तीसरी बात राजीव भय्यै, कहीं खुद ही तो नहीं 8 पैक वगैरहा बना
कर खड़े हो गए...ऐसा है तो फोटोग्राफ के साथ ऑटोग्राफ भी दे देना था....
जय हिंद...
चमत्कार को नमस्कार.....
ससुरा पते नही चल रहा हई की कौन हई
राजीव भाई, चेहरा पहचानने में हम उस्ताद हैं पर ये हमारी बदकिस्मती ही समझिये कि पहचानी जाने वाली फोटो खुली ही नहीं, हमें बेहद अफ़सोस है कि हम बिल्ली के नाखून नहीं जीत पाए, कोई बात नहीं अगली बार शेर के नाखून हम ही जीतेंगे, अविनाशजी देखते रह जायेंगे !
हम आपको ८ बजे बाद बतायंगे.......
भाई वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
आनन्द आ गया.............
राजीव जी कमाल की कारीगरी कर दी आपने
अभिनन्दन आपका !
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