राजीव तनेजा
बिग बॉस तृतीय शुरू हो गया...उसके देखने के बाद कुछ नया करने का विचार दिमाग में कौंधा कि क्यों ना इसी तर्ज़ पे एक नई धुन बनाई जाए?...याने के एक नया प्रोग्राम बनाया जाए जो सिर्फ नैट पर ही उपलब्ध हो और वो सिर्फ हिन्दी ब्लॉगजगत पर ही केन्द्रित हो...इसमें भाग लेने वाले हिन्दी के कुछ ब्लॉगरों को कुछ नियम व शर्तों के साथ बाँध कर एक सप्ताह के किसी साईबर कैफे में बन्द कर दिया जाए।
जहाँ उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से एक पोस्ट लिखने की अनुमति हो और वो भी सीमित शब्दों की...उन्हीं पोस्टों के गुण-दोष के आधार पर ये फैसला हो कि उनमें से कौन पटखनी मार विजयी होता है और कौन पराजित हो धाराशायी?
नोट:इस कार्यक्रम का मकसद किसी पर कोई आक्षेप लगाना नहीं बल्कि स्वस्थ मनोरंजन होगा।...तो फिर क्या कहते हैँ आप?...
आप सभी की राय एवं सुझाव आमंत्रित हैँ
अपनी-अपनी कल्पनाओं के पंख फैला कर दूर...नीले गगन में असीमित संभावनाओं की तलाश कीजिए कि इस पर्तियोगिता में कौन-कौन ब्लॉगर भाग लेगा?...वो किस तरह की पोस्ट लिखेगा?...उन्हें कौन-कौन पढेगा?...कौन-कौन टिप्पणी करेगा?...वगैरा...वगैरा।यकीन मानिए एक से एक चौंकाने वाले ...हँसाने वाले...गुदगुदाने वाले...यहाँ तक कि रुलाने वाले आईडिया हर पल आपके ज़हन में गुटरगूं कर किलोल करते नज़र आएँगे।
तो फिर देर किस बात की?...अपनी कल्पना शक्ति के घोड़ों को बिना लगाम दौड़ाईए और जीत ले जाईए एक से एक शानदार ईनाम।
जी हाँ!..एक से एक शानदार ईनाम जिनके बारे में सुनकर आप कतई अपने लोभ का संवरण नहीं कर पाएँगे...
पहला ईनाम:तीन साल तक किसी भी ब्लॉग पे बेनामी बन टिप्पणी करने का अधिकार
दूसरा ईनाम:हिन्दी ब्लॉगिंग से सम्बन्धित गढे मुर्दे उखाड़ने का एकाधिकार
तीसरा बम्पर ईनाम:मेरी लम्बी-लम्बी कहानियों को बिना पढे..उन पर कमैंट करने का लाईफ टाईम अधिकार(इस अधिकार को आप अपनी वसीयत के जरिए अपने वारिसों को भी लाभांवित कर सकते हैँ)
सांत्वना पुरस्कार: सांत्वना पुरस्कार के रूप में सभी टिप्पणीकर्ताओं के नामों और उनके ब्लॉगज़ के लिंक को मेरे सभी ब्लॉगज़ पर हमेशा के लिए सहेज कर रखा जाएगा
नोट: धार्मिक मुद्दों को लेकर लिखी गई पोस्टें प्रतिबन्धित मानी जाएँगी और उन पर किसी भी सूर ए हाल में विचार नहीं किया जाएगा
हैप्पी ब्लॉगिंग ... आपके दिन और हमारी रातें मँगलमय हों ...जय हिन्द
24 comments:
mazedar idea :) :)
राजीव भाई,
बिग ब्लॉगर हाउस में कौन-कौन अंदर जाएगा, ये तो चिंतन-मनन का सवाल है...लेकिन बिग बॉस कौन होगा...इसके लिए तो मेरे दिमाग में एक ही नाम आता है और वो है...डॉ अमर कुमार...
एक बात और बताओ...भईया आप भेज तो दो चाहे जितने भी अंदर लेकिन बाहर सही सलामत कितने बाहर आ पाएंगे...कहीं अंदर ही पुराने हिसाब किताब बराबर करने के चक्कर में कुछ शहीद
हो गए आप ज़रूर लपेटे में आ जाओगे...कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे सो अलग...
जय हिंद...
लोभ का संवरण नहीं कर पा रहा हूँ. नाम लिखिये: समीर लाल उर्फ उड़न तश्तरी. :)
मस्त है महाराज!!!
आईडिया जोरदार है। लेकिन साइबर कैफे में कैद करना ब्लागर के लिए कोई कैद है? उन्हें तो जंगल में केंप लगा कर छोड़ देना चाहिए। लेपटॉप तो उन के पास हो लेकिन नेट कनेक्टिविटी एक एक घंटे के लिए सिर्फ चार बार दी जाए। खाने पीने का कच्चा सामान भरपूर दिया जाए। लेकिन बनाना उन्हें खुद पड़े। नहाने के लिए नदी हो और शौच के लिए जंगल। जंगली जानवरों से बचाव का साधन खुद करें। मौज मजे के लिए रात को कैंपफायर कर सकते हैं।
"नोट:इस कार्यक्रम का मकसद किसी पर कोई आक्षेप लगाना नहीं बल्कि स्वस्थ मनोरंजन होगा।..."
भला ब्रताईए फिर तो हम अपने हाउस मे ही ठीक है, बिना आक्षेप के कुछ ब्लोगर के तो दम ही घुट जायेगा.
सचमुच मजेदार सोंच है !!
भाई अपना भी नाम लिख लो इस "कोकास हाउस" में रहते रह्ते तंग आ गये है ..या फिर सारे ब्लॉगरों को ही हमारे हाउस मे भेज दो हम इसका नाम बदलकर "ब्लॉगर्स हाउस" कर देंगे ।
पहले तो ढूंढो बिग ब्लॉगर
बिग बास की तर्ज पर
सारा खर्चा यानी प्रायोजन आयोजन समायोजन
बिग ब्लॉगर की ओर से ही होगा
और जिस तरह किया गया है चयन
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ओबामा का
उसी प्रकार बंद किए जाने वाले ब्लॉगरों का
चयन किया जाये
चयन मंडल में कौन होगा
यह बिग ब्लॉगर ढूंढने के बाद
चयन किया जाये।
भाई ये तो बढ़िया मामला है..........
मैं भी तैयार हूँ .........हा हा हा मज़ा आएगा
kखुशदीप जी ने डरा दिया वर्ना हम भी तैयार थे बशर्तें कि कोई वहाँ हमारी कवितायें सुनने के लिये हो । फिर किसी चीज़ की परवाह नहीं शुभकामनायों मे
वाह! बहुत बढिया आइडिया!!
नमस्कार जी, सब से पहले तो उन ब्लागरो को इकट्ठा भेजो जो अकसर एक दुसरे की बे वजह टांग खींचते है, ओर अंदर काफ़ी सारे जुते चप्पल, ओर लठ्ट भी रखबा देना.... सच्ची कहुं जब बाहर निकले गे तो सब दोस्त बन के ही,
फ़िर उन ब्लागरो को इकट्ठा भेजो जो टंकी पर झट से चढ जाते है.
फ़िर सभी कवि लोगो को इकट्ठा भेजे जो अपनी कविता सुना सुना कर अन्य ब्लागरो का मनोरंजन करते है.
फ़िर उन्हे भेजे जो धार्मिक रुप मे गुंडा गर्दी मचाते है,
ओर फ़िर जब सभी ग्रुपो मे से एक एक विजेता बन जाये तो उन्हे सब को इकट्ठ भेजा जाये
इस केम्प मे रहने के लिये शर्ते दिनेश जी वाली ही हो.
मै तो कभी किसी भी केम्प मै गया नही इस लिये मेरा नाम तो भुल जाये, क्योकि ना मै कवि हुं,ना धर्म को कट्टरता से मानने वाला, ना कभी टंकी पै चढा, ओर ना कभी किसी की टांग खींची, वेशक मेरी टांग कोई खींचे... मै तो साधु स्व्भाव हुं, रमता जोगी.
अगर सलाह पसंद आये तो सलाह देने का बिल भेज दुं
पहले ये तो बता दो जी कि बिग बोस कौन होगा।
great idea,realize ii
वाह.... साधुवाद................
एक साधु स्वादु करते धरा गया
राजीव जी बिग बॉस इन्ैन ही बना दयो।
ha ha ha mazedaar idiya hai :)
venus kesari
सही जा रहे हो, तनेजा जी !
इतने दिन एक साथ बन्द रहेंगे, तीन गुट तो बन ही सकते हैं ।
क्या अच्छा लगेगा कि, इनमें कई अपनी फटी कमीज़ें, टूटा लैपटॉप और सूजे हुये चेहरे लेकर बाहर निकलें ?
kya khoob puraskar rakhe hain aapne ha ha ha...
bade bhaia kab se aapko bula raha hoon hamare blog pe, lekin aap hain ki naraz hoke baithe hain. kabhi to aaiye, shayad profile dekh ke kahne lagen ki doosra Rajeev Taneja aa gaya.
यह तो गलत है हमारी रातें भी मंगलमय होनी चाहिए...
बढ़िया पोस्ट...
मीत
अरे वाह ......!!
दिवाली के मौके पे इतने सारे इनाम .....????
पर मैं तो गद्य लिखती नहीं......हाँ कोई रोने धोने का काम हो तो बताइयेगा ......!!
ये तीसरा इनाम तो सबसे बढिया लगा .......पर ये डाक्टर अमर जी क्या कह रहे हैं ....फटी कमीज़ें, टूटा लैपटॉप और सूजे हुये चेहरे .....और ये खुशदीप जी अपने ब्लॉग पे तो कोई गेम शो लिए बैठे हैं यहाँ भी ....(लेकिन बाहर सही सलामत कितने बाहर आ पाएंगे...कहीं अंदर ही पुराने हिसाब किताब बराबर करने के चक्कर में कुछ शहीद....) शो खेलने के चक्कर में हैं.....
प्राइज तो बडे शानदार है।
पर भइया अब डिस्कस के चलते बेनामी टिप्पणी करना संभव नहीं रहा।
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ओ तनेजा जी, कमाल कर दिया आपने। क्या बिंदास लिखा है। इस बिग ब्लॉगर हाउस में मेरा नाम सबसे पहले लिख लो। मैं तैयार हंू यहां आने को। कोई इनाम आप दो ना दो मैं फिर भी तैयार हंू। सात दिन दे दो उसी में हम फट्टे चक देंगे।
एक निवेदन और है आजकल जहां भी जा रहा हंू हर कोई पूछ रहा है संगीता पुरी जी के क्या हाल हैं। कृपा कर मेरी पर्सनल रिक्वेस्ट पर संगीता जी को भी इस ब्लॉग हाउस में स्थान दिया जाए। मुझे पत्रकार कोटे से दे दो भाई। पत्रकारों का तो हर जगह कोटा / रिजर्वेशन होता है। प्रेस की एक सीट रिजर्व करके ही एंट्री दिला दो। ...और संगीता जी को एक पत्रकार की रिकमंडेशन पर एंट्री दिला दो। बस बाकी पांच से हम निबट लेंगे। आपको खुशी होगी जानकर की जितनी प्रसिद्धि बिग बॉस को तीन सालों में नहीं मिली है आपके इस शो को सात दिनों में मिल जाएगी। इतिहास रचा जाएगा। मैं बेहद उत्साहित हंू। ....क्या करूं? समझ नहीं आ रहा। आपके बुलावे का इंतजार है। हमारी तरफ से स्वीकृती है, आप इजाजत दे दो धमाल भी मचा देंगे।
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
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