***राजीव तनेजा***
मैँ हूँ बाल ब्रह्मचारी...
कन्या हो या हो कुंवारी
ब्याहता हो,,,
या हो परित्यक्ता नारी
नहीं परहेज़ मुझे किसी से
सभी मुझको प्रिय
सभी मुझको प्यारी
हलकी हो या हो भारीचौरसी हो या हो ऑरी
मिर्ची चलेगी तेज़ करारी
मिलूँगा सबको बारी-बारी
नहीं परहेज़ मुझे किसी से
सभी मुझको प्रिय
सभी मुझको प्यारी
गोरी हो या हो काली
हो बस जो मस्त औ मतवाली
बनेगी वही मेरी घरवाली
खेलूँगा मैँ सबसे लम्बी पारी
आओ चलो
करें हम सेहरे की तैयारी
हाँ!..मैँ हूँ बाल ब्रह्मचारी...
कन्या हो या हो कुंवारी
सभी मुझको प्रिय
सभी मुझको प्यारी
***राजीव तनेजा***
11 comments:
हा हा हा
ये भ्रमचारी इसीलिए बने है
मिल जाए कोई प्यारी
गोरी हो या कारी
जय हो भ्रमचारी
अब ये नौबत आ गई इन भ्रमचारी जी की।
राजीव जी खयाल रहे हम भी उसी केटेगरी के ही हैं लेकिन कुछ बोल नही पा रहे हैं।हा हा हा हा।
अच्छी प्रस्तुति.....विचारणीय पोस्ट....
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/04/blog-post_03.html
राजीव जी एक बाल ब्रह्मचारी कुछेक साल पहले यहां जर्मनी मै साधू के भेष मै आया था,ेक साल के वीजे पर जिसे इस्कोन वालो ने बुलाया.... जब वीजा खत्म होने लगा तो सारी बाल ब्रह्मचारी निकल गई ओर उन्होने एक गोरी से शादी कर ली.........यानि आप की कविता यहां सत्य है जी
बाबा लोगों को आपकी ये श्रद्धांजलि को हम नमन करते हैं और ऐसे सभी बाबाओं को आत्मा की शांति के लिए दो साल का मौन धारण करते हैं । अरे अनिल भाई आप भी कहां इनके बीच फ़ंस रहे हैं ..आप तो आज भी हां कह दें तो .....देखिए सानिया का अभी कुछ फ़ायनल उतना हुआ नहीं है
अजय कुमार झा
बहुत ही बढ़िया तरीके से लपेटा है
बाल ब्रह्मचारियों का ये हाल तो -----
बाकी सबका भला हो
jutta bhigo bhigo kar mara hai rajeev ji... these people deserves the same...
ऐसे सारे बाबाओं को बोरे में बंद कर बंगाल की खाड़ी में ले जाकर डुबो देना चाहिए...
जय हिंद...
बाबा जी का बाजा बजा दिया
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