राजनैतिक तुकबन्दियाँ

करारी मात के बाद....अब क्या करेगी कांग्रेस
दुम दबा मुँह छुपाएगी या..हालात करेगी फेस

सुना था किसी विज्ञापन में कि....चीता भी पीता है
केजरीवाल मगर देखो...बिना खाए पिए ही जीता है

अपनी इज्ज़त.............................अपने हाथ
आप को नहीं चाहिए..कांग्रेस-भाजपा का साथ

ना भाजपा से दोस्ती..ना कांग्रेस से यारी
अपनी इज्ज़त.................आप को प्यारी

ख़ुशी बढ़ कर इससे और बताओ..क्या होगी
जब दिल्ली में झाडू और केंद्र में होगा मोदी

दिल्ली में झाडू..........केंद्र में मोदी
नहीं बैठना..गन्दी कांग्रेस की गोदी

साथ अन्ना और किरण का भी होता..तो नज़ारा कुछ और होता
सरकार आसानी से अपनी बनती.........मन में नाचता मोर होता

जोश..जोश में जोश दिला दिया.........अब पछता रहे हैं
सुना है..अगले बरस..संसद में भी..आप वाले आ रहे हैं

ना डरेंगे......ना सह्मेंगे और.......ना ही शरमाएंगे
झाडू अपने से..साफ़ हम दिल्ली..कर के दिखाएँगे

कुछ बदल दिया.................कुछ बदल कर दिखाएँगे
सही से काम किया अगर..सब आप को ही जिताएंगे

एक झटका और.....उड़ी चारों गिल्ली
खम्बा अब नोचेगी..इटैलियन बिल्ली

हाउ स्टुपिड................हाउ सिल्ली
कटखनी बिल्ली से..दूर हुई दिल्ली

हो गयी ना अब दूर तुमसे........दिल्ली
और दिखाओ आम आदमी को..तिल्ली

गुजरात......मध्यप्रदेश.......छत्तीसगढ़ और दिल्ली
हर जगह कांग्रेस ही दिख रही..जैसे भीगी बिल्ली

कर्मों से अपने.........अपनी कीमत खुद घटा दी
देख लो..नयी नवेली पार्टी ने..कैसे धुल चटा दी

देश में मोदी..दिल्ली में..केजरीवाल
दोनों बढ़िया......भारत माँ के लाल

कहा था कभी गुरूर से मद में चूर हो उसने...जो महंगे बिजली के बिल नहीं भर सकते...वो दिल्ली छोड़ दें
अरे..आम आदमी की ताकत को नहीं पहचान पाए ना..मौका मिले अगर..वो तो आँधियों के रुख भी मोड़ दें

सिल ना पाया बेशक..सूट मुख्यमंत्री के नाप का
धन्यवाद फिर भी मगर.....आप करेगी....आपका

चुनाव नतीजों के बाद...........शीला को कमेन्ट मिला..मिला एकदम फाडू
जब नौकरानी ने कहा..मैं तो काम छोड़ जा रही..लो..संभालो अपना झाड़ू 

4 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (10-12-2013) को मंगलवारीय चर्चा --1456 कमल से नहीं झाड़ू से पिटे हैं हम में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

दीपक बाबा said...

बहुत खूब तनेजा साहेब.


पर केजरीवाल साब जैसे गैर जिम्मेवार बन्दे के लिए इतनी कशीदाकारी करना ठीक है क्या?

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह...बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

नयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो

Tamasha-E-Zindagi said...

आपकी यह पोस्ट आज के (शुक्रवार, ११ अप्रैल, २०१४) ब्लॉग बुलेटिन - मसालेदार बुलेटिन पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

 
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