हँसते रहो हँसाते रहो पर आनन्द पाठक जी के व्यंग्य ’सखेद सधन्यवाद’ के जरिए उनकी लेखनी की पैनी धार का आनंद लें
***राजीव तनेजा***
हास्य और व्यंग्य की दुनिया में आपका स्वागत है
हँसते रहो हँसाते रहो पर आनन्द पाठक जी के व्यंग्य ’सखेद सधन्यवाद’ के जरिए उनकी लेखनी की पैनी धार का आनंद लें
***राजीव तनेजा***
2 comments:
बढ़िया रचना पढ़वाने के लिये आभार...
Nice Blog. Congrats.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
[Editor- Children’s Poem & Adult’s Poem]
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