मान्यवर नेता जी,
प्रणाम,
एक बार फिर से चुनाव में विजयी हो हमारे क्षेत्र का पुन: प्रतिनिधित्व करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई...अपने पिछले कार्यकाल के दौरान आपने हमारे क्षेत्र के लिए जो-जो कार्य किए...उनके लिए आप प्रशंसा के पात्र हैँ...आपकी पुरज़ोर कोशिशों के चलते ही इलाके में तीन किलोमीटर लम्बे फ्लाईओवर एवं सबवे का निर्माण सँभव हो पाया...जिससे क्षेत्र की जनता को हर दिन घंटों तक लगने वाले जाम में फँसे रहने से मुक्ति मिल गई है...अपने क्षेत्र की जनता पर किए गए आपके इस एहसान के बदले हम आपके सदैव ऋणी रहेंगे..लेकिन एक जिज्ञासु एव जागरूक मतदाता होने के नाते मेरे दिमागी भंवर में आपकी नेतृत्व क्षमता को लेकर कुछ प्रश्न मंडरा रहे हैँ...राईट ओफ इनफार्मेशन कानून के तहत मैँ उनका उत्तर आपसे जानना चाहूँगा..उम्मीद है कि आप मुझको निराश नहीं करेंगे
- आपने हमारे यहाँ की कच्ची गलियों को कंक्रीट की बनवा हमें कीचड़ एवं बदबू भरे माहौल से मुक्ति दिलवा दी ...इसके लिए हम आपके बहुत-बहुत आभारी हैँ...लेकिन इन गलियों के कच्चे से पक्के होने के पूरे प्रकरण में आपके कितने घर कच्चे से पक्के हो गए?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?...
- आप अच्छी-भली स्ट्रीट लाईटों को खंबों समेत बदलवा उनका नवीनीकरण करवा रहे हैँ..ये बहुत अच्छी बात है लेकिन बदले गए इन पुराने खंबों का क्या होगा?...क्या उन्हें पुन: इस्तेमाल के लिए संभाल कर रखा जाएगा या फिर किसी दिन उन्हें निष्क्रिय एवं नाकारा घोषित कर किसी स्क्रैप डीलर को कबाड़ के भाव तौल दिया जाएगा?...मेरा मन कहता है कि पुरानी चीज़ों को सम्भाल कर रखना बेवाकूफी से बढकर कुछ नहीं है...उम्मीद है कि मेरी इस बात से आप भी सहमत होंगे...अगर ऐसा है तो उन्हें किस कबाड़ी को और कितनी रकम के बदले बेचा जाएगा?...उसमें से आपका और आपके मातहतों का कितना हिस्सा होगा?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?...
- आपकी छत्रछाया में हमारे इलाके की सड़कों...फुटपाथों एवं कूड़ेदानों के नवीनीकरण के जरिए शहर का सौन्द्रीयकरण हो रहा है...ये हमारे लिए गर्व की बात है लेकिन इस सारे प्रकरण के जरिए आप कितने नोट अपनी तिजोरी के अन्दर करेंगे?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?....
- अपने क्षेत्र के मतदाताओं की बेरोज़गारी दूर करने के लिए आपके राज में नई नौकरियाँ गढी एवं दी जा रही हैँ...इन भर्तियों की एवज में आप कितनों की?...किस तरह(कैश..चैक...मनी आर्डर या बैंक ड्राफ्ट/क्रैडिट कार्ड)? और कितनी जेब ढीली करेंगे?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?...
- आपके सतत प्रयासों के जरिए हमारा इलाका साफ-सुथरा एवं सुन्दर बनता जा रहा है...इसके लिए आप प्रशंसा के पात्र हैँ ...इसी बात को जान कर यहाँ पर सफाई कर्मचारियों ने भी हाज़री लगाना लगभग बन्द सा कर दिया है...उनकी इस गैरहाज़री के बदले आप कितनी रकम अपनी तिजोरी के अन्दर हाज़िर करते हैँ?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?
- आप ज़मीन से जुड़े हुए नेता हैँ..इसलिए आपके राज में रेहड़ी-पटरी एवं खोमचे वाले खूब फल-फूल रहे हैँ...उन्हें इस पूरे इलाके को नर्क बनाने की छूट देने के बदले आप उनसे कितना और कब-कब वसूलते हैँ?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?..
- आपके इलाके में खाली पड़ी निजी एवं सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा कर झुग्गी माफिया(गरीब-गुरबा बेघर लोगों को छत प्रदान कर पुण्य का काम करते हुए)लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहा है...शहर का मुखिया होने के नाते इसमें आपका कितना बड़ा हिस्सा है?...ये बतलाने की कृपा करेंगे आप?...
प्रश्न तो अभी दिल में और भी कई हैँ लेकिन एक साथ इतने प्रश्नों का उत्तर देने से उत्पन्न होने वाली दुविधा को समझते हुए मैँ अपने इस पत्र को यहीं विराम देते हुए आपसे एक अंतिम निवेदन करना चाहता हूँ कि इस बार विजयी होने पर आपने पूरे क्षेत्र में जगह-जगह जो अपने आदमकद पोस्टर लगवाए हैँ...उनसे शहर का सौन्दर्य बिगड़ने के साथ-साथ आते-जाते लोगों का ध्यान भी बार-बार बंट रहा है जिससे आए दिन नित नई दुर्घटनाओं के घटित होने की संभावना बलवती होती जा रही है...आपसे निवेदन है कि उन्हें हटवा कर आप उन सब के बजाए पूरे क्षेत्र में अपना सिर्फ एक आदमकद पोस्टर किसी प्राईम लोकेशन पर लगवाएँ...
इससे शहर भी साफ-सुथरा रहेगा और आते-जाते वहाँ से गुज़रने वाले क्षेत्र के जिम्मेदार एवं प्रबुद्ध नागरिकों को आप पर थूकने में किसी किस्म की असुविधा भी नहीं होगी
विनीत:
अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सचेत एक जिम्मेदार नागरिक
जय हिंद
12 comments:
मैं तो प्रार्थना करता हूँ की बेड़ा गरक हो इन जमीन से जुड़े नेतावो का !
हे नेता! तुझे है दो गज जमीन पुकारे
तु देश नैया मझधार मे चल डुबा रे
नेता कब देता है
वह तो बस लेता है
प्रश्न तो बहुत अच्छे पूछे. जवाब भी मिला क्या?
आदरणीय वर्मा जी ,
जवाब देने की गर उनमें हिम्मत होती
अपनी यूँ दुर्दशा औ हालत पस्त ना होती
बस इतना ही कि अपने प्रिय नेताओं से उम्मीदें बांधे रखिए।
सारे नेता बेईमान , फिर भी मेरा भारत महान....
नेता आजकल देता कहाँ है वह तो सिर्फ बटोरना जानता है .... बढ़िया व्यंग्य लगा. आभार ...
राजीव भाई,
आप खामख्वाह बेचारे नेताजी को ताने-उलाहने दे रहे हो...उन्होंने तो चुनाव से पहले ही साफ-साफ कहा था...मतदान करना यानि उन्हे वोट मत...दान करना...लेकिन आपने उनकी बात का सही अर्थ नहीं समझा और मतदान कर दिया...
अब नहीं सुना तो भुगतो...
जय हिंद...
इतनी समस्याओं का समाधान चाहते हो (!)
अगर हल कर दीं तो अगली बार क्या दिखा कर वोट मांगेगे नेता
इन ससुरे देशखोरों को तो जहाज में भर कर हिंदमहासागर में फेंक देना चाहिये...
नेता जी को जमकर धोया!
मगर प्यार से!
शरद जोशी की कहानियों पर आधारित लापतागंज की याद ताजा कर गया आपका ये बेहद जागरूक करने वाला व्यंगनमूना लेख।
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