कल राजकुमार ग्वलानी जी के ब्लॉग पर एक पोस्ट पढने को मिली जिसके जरिए पता चला कि भिलाई में ब्लॉगरों की मैराथन बैठक के बाद अब सीरियल ब्लास्ट की तैयारी है ...
तो मैँने सोचा कि बाकी के हम ब्लॉगरों ने इनका क्या बिगाड़ा है?....हम इनके इस तथाकथित धमाके की गूंज से क्यों वंचित रह जाएँ? ...वो कहते हैँ ना कि 'मान ना मान..मैँ तेरा मेहमान'...बस उसी तर्ज पे अपुन भी जुट गए कस्सी और फावड़ा लेकर कि गेहूँ के खेत में ईख बो कर रहेंगे...नहीं समझे?...अरे यार...इनके सामुहिक फोटू में
अपने समेत और भी कई बिलागरों को बारी-बारी से सैट कर दिया....सिम्पल....
अजी!...सैट कहाँ?...फिट किया...सैट तो तब होता...जब हम उहाँ उनकी मर्ज़ी से गए होते...और उन साँपों के साथ...ऊप्स!...सॉरी उन 'स्नेक्स' के साथ...
ओहो!...ये क्या होता जा रहा है मेरी मटमैली और काली ज़ुबान को?...सुसरी!...बिना मोबिल-ऑयल चुपड़े के ही गलत डाईरैक्शन में फिसलती ही जा रही है....बेटा राजीव!...तू तो गया काम से...इतने जूते पड़ेंगे...इतने जूते पड़ेंगे कि तेरी आने वाली सात पुश्तें भी 'गंजी' पहन कर पैदा होंगी...
कहाँ तू कहना चाहता था कि ..."उन सज्जन महानुभावों के साथ 'स्नैक्स' का मज़ा लिया होता"....और तू बात कर रहा है...साँप और बिच्छुओं की....
बेटा राजीव!...तू तो गया काम से...
(उपरोक्त पंक्ति में हास्य का पुट देते वक्त मुझसे कोई गुस्ताखी हो गई हो तो...संजीव तिवारी जी, बीएस पाबला जी, शरद कोकास जी , राजकुमार ग्वालानी जी, ललित शर्मा जी एवं सूर्यकांत गुप्ता जी से क्षमा याचना सहित)
हाँ!...तो जैसा कि मैँ बता रहा था कि उनकी सामुहिक फोटू में मैँने अपने समेत और भी कई ब्लॉगरों को फिट किया...तो आप सब भी उसका आनंद लें...
आपके दिन और मेरी रातें मँगलमय हों... हैप्पी ब्लॉगिंग...
जाते-जाते ये बेतुकी से तुकबन्दी करने की कोशिश भी देख लीजिए....वैसे भी इसमें कौन सा टैक्स लग रहा है?...
जिस्मों से हम दूर सही
विचारों से हम जुदा नहीं
रहन-सहन हमारा अलग सही
दिल रमता अपना हमेशा यहीं
धर्म भाषा-बोली हमारी अलग सही
फिर भी हम में गज़ब का एका है
वैमनस्य को हमने दूर उठा फेंका है
ब्लॉगिंग ज़िन्दाबाद ...
15 comments:
राजीव जी आपकी तकनीक में है इतना जोरदार दम
ब्लागर बैठक को ब्लागर महासम्मेलन बना कर
फोड़ दिया सीरियल ब्लास्ट से पहले ही एक बम
बैठक में शामिल न हो पाने वालों को न होगा अब गम
आपका यह अंदाज गया है सबको जम
जो पीने के शौकीन हैं पी सकते हैं अब रम
राजीव जी-हैप्पी ब्लागिंग-ब्लॉगिंग ज़िन्दाबाद ...
बहुत बढिया मेहनत से फ़ोटु बनाई है बधाई
राजकुमार भाई- अब ठंड हो गयी है, कुछ भि्जवा दो।
आपका यह अंदाज गया है सबको जम
जो पीने के शौकीन हैं पी सकते हैं अब रम
राजीव भाई,
चलिए इतना तो तय हो गया है कि अब किसी भी ब्लोग्गर से कोई सम्मेलन नहीं छूटेगा......
कमाल की जादूगरी है आपकी मजा आ गया
हा हा हा हा हा हा हा हा हा ...... मज़ा आ गया फोटुयें देख के.......... हैप्पी ब्लॉग्गिंग..........
सभी को बहुत बहुत बधाई। लगता है खूब जमी महफिल । तस्वीरें कह रही हैं
अनहोनी को होनी कर दे
होनी को अनहोनी,
फोटो सॉफ्टवेयर पर
जब जमा हो ब्लॉगिंग का धोनी (राजीव तनेजा)...
वैसे ललित भाई की बॉडी में तो समा गया हूं...सोचा हूं कड़क मूंछे और उगा लूं...
अरे उगने में देर लगेगी तो क्या फेविकोल है न...
जय हिंद...
बड़े ही खतरनाक किस्म के कलाकार लगते है जनाव आप तो !:)बहुत खूब !
राजीव जी यह आपको किसी गुस्ताखी की क्षमा याचना मांगने की आवश्यकता नहीं है. चित्र मजेदार हैं. आपके इस ब्लाग के संबंध में कल दिन में मैथरान बैठक में कई बार चर्चा हुई किन्तु मैं आपके इस ब्लाग में आ नहीं पाया था इस कारण वहां मजे नहीं ले पाया अब ब्लाग देखकर मजा आ गया. आभार भाई.
Sab sahi hai.
हँसते रहो..
राजीव जी आपको बहुत बहुत बधाई ! साथ ही उस महफ़िल में उपस्थित सभी को बधाई !
मजा आया जी...बधाई
वाह बहुत खूब
Suna hai kal LUCHNOW me bhi bloger meet sampann hui hai.....
गनीमत है मेरे घर में आपने मुझे रहने दिया ..ठीक है मेज़बान को तो मेज़बान ही रहने देना चाहिये ..हाहाहा
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