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"तू ही तू...तू हो तू ....ब्लॉगिंग रे
मेरी आरज़ू...मेरी जुस्तजू...
तू ही तू...तू ही तू ...ब्लॉगिंग रे"
उफ़!..ये क्या होता जा रहा है मुझे?...जहाँ जाता हूँ...ऐ ब्लॉगिंग!...तुझे ही पाता हूँ....
रात को सोते वक्त...सपनीली आँखों के झिलमिलाते सपनों में भी तू...
दिन में जागते वक्त भी काली-काली कजरारी आँखों में भी तू .....
गाड़ी चलते वक्त भी दिल औ दिमाग में तू...
ख़यालों में लिख रहा होता हूँ...ख्वाबों में पढ़ रहा होता हूँ...और तो और सपनों में टिपिया भी रहा होता हूँ...
खाते…नहाते…पहनते…ओढते वक्त भी नई कहानी का ताना-बाना बुनने में व्यस्त होता हूँ...
उफ़!...ब्लॉगिंग ने निकम्मा कर दिया...वरना मैं भी आदमी...उप्स!...सोर्री ...'लड़का' था काम का
"सर्दी-खाँसी ना मलेरिया हुआ...
मैं गया यारो..मुझको ब्लोगेरिया हुआ ...
हाँ!...ब्लोगेरिया हुआ"
"दिन को चैन नहीं...रात को आराम नहीं...
ऐ ब्लॉगिंग ...तेरे बिना मैं ना जाऊँ कहीं"
उड़न तश्तरी जी..ललित शर्मा जी…दिनेश राय द्विवेदी जी ….अगर आपके साथ ऐसा नहीं है तो आप तमाम ब्लोग्गरों के साथ इन तस्वीरों में क्या कर रहे हैं?
14 comments:
साबित हो गया तन और चेहरे बदल सकते हैं पर ह्रदय परिवर्तन भी हो सकता है यह देखा जाना बाकी है
सब अपने आपको हीरो मन लेंगे , क्यों इन्हें बिगाड़ रहे हो तनेजा जी, ब्लागिंग से भी जाते रहेंगे ...
vaah! क्या बात है इन हीरों को तो पहले देखा ही नही:)....वैसे ब्लोगरी क नशा बहुत बुरा है...हर जगह ब्लोगरी के लिए मसाला ढूँढते रहते हैं...कुछ लिखने को मिल जाए...हमे तो लगता है कम-ज्यादा इस रोग से सभी पीड़ित हैं....
भई वाह. इतना खूबसूरत बदलाव.
यह ब्लागिंग नाम की हसीना है ही इतनी मस्त
प्रणाम स्वीकार करें
यह क्या हो रहा है? :)
क्या बात है ...हा हा हा
अरे तनेजा जी समभलो भाई , हमारा अभी यह हाल नही हमीने दो महीऒने मै हम एक दो सप्ताह की छुट्टी भी करते है, ब्लांग से.... अजी बच्चे भी तो पालने है....याद करे डां दराल जी ने कहा था कि सारा समय इस ब्लांग हसीना को मत दे...:)
ये ख्वाब है या कोई हकीकत?
कुछ भी हो लेकिन "लाजवाब" है।
राजीव भाई इतना खूबसूरत और वो भी इतनी खूबसूरत के साथ मैं इस जनम तो सात जनम मे भी नज़र नही आया हूंगा।आभार आपका और वो सबसे नीचे वाला तो आपको पता ही है ना कौन है?
हा हा हा :)
सादर
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
सब खुल कर दिखा ही दिया है तो अब क्या कहें..कुछ छिपाने को बचा है क्या सफाई देकर. :)
आनंद आ गया जी पूरा...
नीरज
अरे वाह. बहुत शानदार.
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