हँसते रहो के फ्रंट डैस्क को अभी-अभी विश्वसनीय सूत्रों के जरिए अपुष्ट खबर मिली है कि देश-विदेश के जाने-माने हिंदी के ब्लॉगर कुछ दिन पहले मुंबई में इकठ्ठा हुए थे|
- क्या ये एक सोची-समझी साजिश के तहत एक ही मंच पर विराजमान थे?…
- या फिर इसे महज़ एक संयोग समझा जाए? …
मीडियाजगत में इनकी एक साथ उपस्तिथि को लेकर तरह-तरह के कयास लगे जा रहे हैं…
- क्या नई पोस्टों पर टिप्पणियों के बढते हुए अकाल ने इन्हें एका कर एक-दूसरे का हाथ थमने पर मजबूर कर दिया?…
- या फिर एक दूसरे को ‘समय आने पर देख लेने' की इनकी चाहत ने इन्हें एक-दूसरे के सामने ला पटका?
आपसी विरोधाभासों के बावजूद उन सभी का एक ही मंच पर इकठ्ठा हो एक-दूसरे से हंस-हंस कर बतियाना अजूबा नहीं तो कम से कम हैरत का विषय ज़रूर है |
कुछ भी हो लेकिन एक साथ इतने ब्लोगरों का…एक ही समय में…एक ही स्थान पर इकठ्ठा होना अपने आप में संदेह जगाता है
- क्या ये मात्र एक संयोग हो सकता है?…
- या फिर किसी सोची-समझी साजिश के तहत किसी षड्यंत्र को अंजाम तो नहीं दिया जा रहा ?……
आप क्या कहते हैं?….आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा …
हँसते रहो-फ्रंट डैस्क
होली अभी बाकी है मेरे दोस्त-
मित्रों….होली के अवसर पर इन चित्रों को सिर्फ शुद्ध एवं निर्मल हास्य के मकसद से बनाया गया है लेकिन अगर फिर भी किसी सज्जन को अपनी फोटो पर ऐतराज़ है तो कृपया कर के मुझे सूचित करें…उनकी फोटो बिना किसी विलम्ब के तुरंत पोस्ट से हटा दी जाएगी
राजीव तनेजा
23 comments:
सच में ये ब्लोगगर्ज़ कितने सुंदर लग रहे हैं...... किसी की टांगें अच्छी लग रहीं हैं ....तो किसी की...चाल....तो किसी के हाथ.... तो किसी के?????
हँसते रहो...मुस्कुराते रहो...खिलखिलाते रहो....
Jabardast mixing.. :)
हाहाहाहाह , आपका जवाब नहीं , बस भी करिए अब होली बासी हो गयी है ।
ajab tamasha dikha kar, gazab kar diya aaj.
bigdenge bante hue, bante bigade kaaj..
कोई साजिश ही रही होगॊ..पक्का!
साजिश कोई भी हो एक मंच पर आ तो गये
@ महफूज भाई
हम एक ईश्वर से भी तो संतुष्ट नहीं हुए
फिर ये तो इंसान की माया ही है
किसी का कुछ न कुछ सही पसंद तो आ रहा है
सारा माल ही नापसंदगी में तो नहीं जा रहा है
@ मिथिलेश दुबे
होली कभी होती है बासी नहीं
मन में होली मन रही है
मनती रहनी चाहिए
@ राजीव तनेजा
और फोटो तो वे ही हटवाएंगे
जो अपने आप को पहचान पाएंगे
षडयंत्र में इतने घनघोर व्यस्त हैं
पहचान ही नहीं पा रहे हैं
पर इनका मंतव्य क्या था
या क्या था षडयंत्र
ईजाद करना पड़ेगा कोई यंत्र
जिससे पता लगे सब कुछ तुरंत।
@ महफूज भाई
हम एक ईश्वर से भी तो संतुष्ट नहीं हुए
फिर ये तो इंसान की माया ही है
किसी का कुछ न कुछ सही पसंद तो आ रहा है
सारा माल ही नापसंदगी में तो नहीं जा रहा है
@ मिथिलेश दुबे
होली कभी होती है बासी नहीं
मन में होली मन रही है
मनती रहनी चाहिए
@ राजीव तनेजा
और फोटो तो वे ही हटवाएंगे
जो अपने आप को पहचान पाएंगे
षडयंत्र में इतने घनघोर व्यस्त हैं
पहचान ही नहीं पा रहे हैं
पर इनका मंतव्य क्या था
या क्या था षडयंत्र
ईजाद करना पड़ेगा कोई यंत्र
जिससे पता लगे सब कुछ तुरंत।
ha ha ha ye holi dhamaka to bada hi zordaar raha sahab :)
nice.............................
संजू जी आपका राजीव है दीवाना,
हाय राम, हम कुड़ियों का है ज़माना...
जय हिंद...
क्या फोटू सजाई है .....बढ़िया कलाकारी राजीव जी
होली है!!!!
हमें भी इसमें कोई बहुत गहरा षडयन्त्र दिखाई दे रहा है :-)
हमे कोई एतराज नही है ( भई फोटो ही नही है तो क्या ऐतराज?)
ओह मैंने सुना ही था कि महिला आरक्षण विधेयक को पास करवाने के लिए कुछ हसीनाएं परेड कर रही हैं ..अब जाकर पता चला कि खबर पक्की थी ....
अजय कुमार झा
इनका भी पहचान कौन ?
आयोजित कर देते
जो पहचानता उसे ही
इनाम में दे देते।
महिला शक्ति को प्रणाम
कहीं ब्लॉग जगत का महिला मंडल काले झंडे नहीं फ़हराने लगे आपके ब्लॉग पर कि इन सबको लेडीज क्यों बनाया...
वाकई मान गये.. :)
पुरुषों को तो महिला रूप
और महिलाओं को ???
वाह वाह जी क्या बात है , मुंडी छोड कर सब कुछ पसंद है जी, आप का धन्यवाद
:(
wahwa....
kya baat hai....
ichhadhai maharaaj ki jai...
मुझे तो मेरी वाली पे प्यार आ रहा है
प्रान फ़ूक के भेज दीजिये
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