ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया….
आज मुझे कोई ना रोके…
बतलाऊँ कैसे कि…मैंने क्या पाया?…
ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया…
आज मैं खुश हूँ…बहुत खुश…मेरी कहानी छोड़ो ना...कौन पूछता है को आवाज़ जो मिल गई है…और आवाज़ भी कोई ऐसी-वैसी नहीं…
मेरे मन की ब्लॉग वाली अर्चना चावजी की कोमल…सुरीली और मखमली आवाज़…ये उनकी आवाज़ का जादू ही है जो मेरी इस कहानी के और मेरे सर चढ कर बोल रहा है…आप भी सुनिए और अपनी बहुमूल्य राय से अवगत कराइए
http://www.divshare.com/download/16846992-14d
आज मुझे कोई ना रोके…
बतलाऊँ कैसे कि…मैंने क्या पाया?…
ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया…
आज मैं खुश हूँ…बहुत खुश…मेरी कहानी छोड़ो ना...कौन पूछता है को आवाज़ जो मिल गई है…और आवाज़ भी कोई ऐसी-वैसी नहीं…
मेरे मन की ब्लॉग वाली अर्चना चावजी की कोमल…सुरीली और मखमली आवाज़…ये उनकी आवाज़ का जादू ही है जो मेरी इस कहानी के और मेरे सर चढ कर बोल रहा है…आप भी सुनिए और अपनी बहुमूल्य राय से अवगत कराइए
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13 comments:
राजीव जी , यह तो बिलकुल रेडियो पर नाटक सुनने जैसा लग रहा है ।
जितनी बढ़िया कहानी , उतनी बढ़िया प्रस्तुति अर्चना जी की आवाज़ में ।
सुन के और भी मज़ा आया... आभार...
बढ़िया आवाज़ बादल के पाठ किया... खूब रहा..
बेहतरीन पठन...वाह!! अच्छा पिच चेन्ज किया..
पढ तो पहले ही चुकी थी .. सुनना भी बहुत अच्छा लगा .. आप दोनो की मेहनत काबिले तारीफ है !!
राजीव भाई देर हो गयी, विद्युत व्यवस्था गड़बड़ा गयी थी।
सुनता हूं और फ़िर कमेंट करता हूँ
अर्चना जी को शुभकामनाएं
अर्चना जी का सचमुच जवाब नहीं। उन्हें और आपको हार्दिक बधाई।
वाह बेहतरीन। राजीव जी इससे अच्छी क्या बात हो सकती है कि आपकी कहानी को एक आवाज मिली। ऐसे ही नए नए प्रयोग करते रहें। शुभकामनाएं आप दोनों को।
सार्थक लेखन के लिए बधाई
साधुवाद
लोहे की भैंस-नया अविष्कार
आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर
बधाई हो राजीव तनेजा जी!
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अर्चना चाव जी ने बहुत परिश्रम किया है इस कहानी के वाचन के लिए!
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बिल्कुल रेडियो रूपान्तरण जैसा आनन्द दे रही है आपकी कहानी!
राजीव जी का आभार ब्लॉग पर ये सम्मान देने के लिए...और कहानी के पठन को पसन्द करने के लिए शुक्रिया श्रोताओं का....
लेखन और पठन दोनो कमाल ।
गज़ब की प्रस्तुति!
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