चार दिन की ब्लोगिंग के बाद टंकी पे चढ़े नज़र आओगे-पहला अंतराष्ट्रीय हिन्दी ब्लोगर महा सम्मलेन(4)-राजीव तनेजा

anup and sameer

उफ्फ़!…तौबा…ये बच्चे भी ना…आफत हैं आफत….जैसे ही पता चला इनको कि हिन्दी ब्लोगरों का महा सम्मलेन होने जा रहा है बांग्लादेश में तो पड़ गए तुरंत मेरे पीछे कि “हम भी चलेंगे…हम भी चलेंगे” ….

albela

लाख समझाने की कोशिश की कि… “भईय्या मेरे…वहाँ पर हिन्दी ब्लोगिंग का परचम फहराने जा रहे हैं हम लोग कोई ट्वेंटी-ट्वेंटी के फिक्स्ड मैच खेलने नहीं कि तुम्हें भी अपने साथ ले चलें और फिर चलो खुदा ना खास्ता कैसे ना कैसे कर के ले भी गए तो वहाँ पर तुम्हारे पोतड़े कौन धोता और संभालता फिरेगा…अपने बस का तो है नहीं ये सब"…

lalit

“वो सब तो हम खुद ही कर लेंगे….डायपर मिलते हैं बाज़ार में"…

“मुश्किल है…मुश्किल क्या?…नामुमकिन है…मैं नहीं ले जा सकता तुम्हें वहाँ"..

इस पर पता है वो क्या कहें लगे?…कहने लगे कि

khush

“तुम तो ठहरे परदेसी….साथ क्या निभाओगे…चार दिन की ब्लोगिंग के बाद टंकी पे चढ़े नज़र आओगे"…

बात में उनकी दम तो था लेकिन ऐसे कैसे मैं इतनी आसानी से हार मान जाता?…प्यार से…मान-मनौव्वल से…चापलूसी से…चाटुकारिता से…हर तरह से उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन बदले में पता है उन्होंने मेरे साथ क्या किया?….

dev kumar jha

 

dinesh

अब खुद अपने मुँह से अपनी हालत कैसे बयाँ करे ये राजीव?…आप खुद ही देख लीजिए…

re5yteyte

इसलिए ना चाहते हुए भी मुझे उन्हें बल प्रयोग द्वारा जबरन खदेड़ देने की धमकी देनी पड़ी….

nirmala kapila

क्यों?…सही किया ना मैंने?

 

padam

shivam

    girish pankaj12

kokas

17 comments:

Girish Kumar Billore said...

कुची कुची अले ले ले
सब बच्चे चलो बकरी दिखाएं.
होली पे मज़ा आयेगा

honesty project democracy said...

वाह राजीव जी आपका भी जवाब नहीं....

Padm Singh said...

बहुत सही ...बच्चे दिल के सच्चे :)

Khushdeep Sehgal said...

दिल तो बच्चा है जी...

जय हिंद...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

:)

अन्तर सोहिल said...

इन बच्चों को तो लेकर ही चलना पडेगा :)

प्रणाम

Udan Tashtari said...

हा हा!!! :)

हमारीवाणी said...

हा हा हा... ज़बरदस्त भय्या ज़बरदस्त!!!!!

Satish Saxena said...

जय हो महाराज !!

अनूप शुक्ल said...

गजब के बच्चे हैं। जय हो!

डॉ टी एस दराल said...

very creative.

girish pankaj said...

हद कर दी आपने,
सब लगे है कांपने,
बूढ़े बच्चे हो गए,
कितने अच्छे हो गए.
होली में सब चलता है.
लेकिन दिल ये जलता है.
क्या दिमाग तनेजाजी
पाया सुन्दर भेजाजी.

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आलस भी बुरी चीज है, 4 दिनों बाद कमेंट की है। कोई कितना इंतजार करेगा। हा हा हा हा

मनीष सेठ said...

ha ha ha haaaaaaaaaaaaa

मनीष सेठ said...

ha ha ha haaaaaaaaaaaaa

Satish Saxena said...

निर्मला कपिला जी को भी ....
अमां किसी को तो बख्शा करो :-)

hamarivani said...

nice

 
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