शरद को हरविंदर मिला करके लम्बे हाथ
करके लम्बे हाथ थप्पड़ जोर से मारा
थप्पड़ जोर से मारा काबू रहा ना गुस्से पे
चढ गया ऊपर पारा….
चढ गया ऊपर पारा
सूज गयी सारी आँख सूज गया बूत्था सारा
सारे मिल के बोलो तारा रारा…तारा रारा
***राजीव तनेजा***
8 comments:
तारा रारा…तारा रारा :)))
बोल दिए जी।
वाह जी वाह तारा रा रा
साधु-साधु
तारा रारा…तारा रारा :)
अरा अरा अरा !
हमारी मर्ज़ी , हम कुछ भी बोलें ! :)
क्या सन्यास ले लिया था भाई !
हा हा हा………ता रा रा
इसे कहते हैं दिन में भी तारे दिखना। तारे रा रे रा
अटल जी कह रहे हैं
यह अच्छी बात नही.
अन्ना का कहना तो सब जानते ही हैं.
फिर मैं क्या कहूँ
बोलो ता रा रा रा
Post a Comment