"तंग आ गए यार खाली बैठे बैठे। तू बात कर ना शायद कहीं कोई ऑनलाइन काम ही मिल जाए। लॉक डाउन की वजह से यहाँ बाहर तो सब का सब ठप्प पड़ा है।"
"हाँ!...यार...खाली बैठे बैठे तो रोटियों तक के लाले पड़ने को हो रहे हैं।"
"तू बात कर ना कहीं। तेरी तो इतनी जान पहचान है।"
"हम्म....बात तो तू सही कह रहा है। खाली बैठे-बैठे तो मेरा दिमाग भी...लेकिन इस लॉक डाउन के चक्कर में अव्वल तो कोई काम मिलेगा नहीं और अगर कहीं कोई काम मिल भो गया तो पैसे बहुत थोड़े मिलेंगे।"
"पेट भरने लायक ही मिल जाएँ फ़िलहाल तो बस। कमाने की बाद में देख लेंगे।"
"हम्म...एक आईडिया तो है।"
"क्या?"
" मैं ऑनलाइन लघुकथा गोष्ठी वाले किसी एडमिन से बात कर के देखता हूँ। आज भी उनकी एक गोष्ठी है।"
"वहाँ भला हम कम पढ़े लिखों को क्या काम मिलेगा?"
"मैसेज वगैरह तो डिलीट कर लेगा ना?"
"हाँ...उसमें क्या बड़ी बात है? रोज़ ही तो मैं अपनी गर्लफ्रैंड के साथ हुई चैट को डिलीट करता हूँ लेकिन इससे भला.....
"अरे!...यार...लाख बार उन्होंने समझ के देख लिया लेकिन मैम्बर हैं कि वही ठस्स के ठस्स दिमाग।"
"मतलब?"
"बार बार सबको समझा दिया कि अपने दिए गए टाइम से पहले कुछ पोस्ट नहीं करना है लेकिन सब के सब....'वाह-वाह'...'बहुत खूब'...'मार्मिक' जैसे सैंकड़ों मैसेज एक साथ पोस्ट कर के पूरी गोष्ठी की ऐसी तैसी करे दे रहे हैं।"
"ओह!....
"तो ऐसे में उनको भी तो कोई ना कोई हैल्पर चाहिए होता होगा ना ये सब फालतू का कचरा हटाने के लिए? बेचारे कब तक अपनी उंगलियों की ऐसी तैसी करवाते रहेंगे खुद ही? उन्हीं से बात करता हूँ...उनका काम भी हो जाएगा और हमारा भी।"
"हाँ!...यार...तू उनको फटाफट मैसेज या फिर फोन कर दे इस बारे में पूछने के लिए।"
"मैसेज ही कर देता हूँ। एक आध मैसेज से कौन सा कचरा फैल जाएगा?"
10 comments:
हा हा हा हा ये बहुत खतरनाक पोस्ट मानी जाएगी जी
शुक्रिया
😊😊😊
शुक्रिया
महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों को पढ़ाई जाये ये पोस्ट जो वेबिनार के नाम पर पगलाए घूम रहे हैं.
शुक्रिया
वाह...बहुत सही
"मैसेज ही कर देता हूँ। एक आध मैसेज से कौन सा कचरा फैल जाएगा?"
kya baat hai !
शुक्रिया
'बढ़िया' टिका कर गायब हो जाते हैं!
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