बिना खड़ग बिना ढाल-राजीव तनेजा
बस नहीं चलता मेरा इन स्साले…ट्रैफिक हवलदारों पर... "मेरा?...मेरा चालान काट मारा?...लाख समझाया कि कुछ ले दे के यहीं मामला निबटा ले लेकिन नहीं…पट्ठे को ईमानदारी के कीड़े ने डंक जो मारा था|सो!..कैसे छोड देता?…कोर्ट का चालान किए बिना नहीं माना| आखिर!…जुर्म ही क्या था मेरा?...बस…ज़रा सी लाल बत्ती ही तो जम्प की थी मैँने और क्या किया था?….और फिर इस दुनिया में ऐसा कौन है जिसने जानबूझ कर या फिर कभी गलती से गाहे-बगाहे ऐसा ना किया हो?”.. "ठीक है!..माना कि मैँ ज़रा जल्दी में था और आजकल जल्दी किसे...