"खत प्यार भरा"

"खत प्यार भरा "

प्यारे पुतर्

वाहे गुरु, मै ये चिट्ठी तुम्हे धीरे-धीरे इसलिये लिख रही हूँ क्योंकि मै जानती कि तुम तेज़-तेज़ नही पड सकते.
आजकल हम पुराने वाले घर मे नही रहते जहाँ तुम हमे छोड कर गये थे.
तुम्हारे पितजी ने अख्बार मे पडा था कि ज़्यदातर एक्सीडेण्ट घर से 20 मील की दूरी के अन्दर-अन्दर ही होते है,
इसलिये हम अपना घर छोड कर 20 मील दूर रहने चले गये है.

मै तुम्हे अभी अपने नये घर क पता नही दे सकती क्योकी जो 'सरदार' हमसे पहले उस घर मे रहता था,
वो वहाँ की 'नम्बर-प्लेट' उखाड कर अपने साथ ले गया है ताकि उसे अपने नये मकान का पता ना बदलना पडे.

ये घर तो बहुत ही अच्छा है, यहाँ 'वाशिग-मशीन' भी है जो कि 'कमोड' के साथ ही लगी हुई है,
मुझे लगता है कि वो ठीक से काम नही करती क्योकि पिछ्ले हफ्ते मैने उसमे तीन 'कमीज़े' डाली थी और
चेन को खीचने के बाद वो पता नही कहाँ गायब हो गयी थी

यहाँ का 'मौसम' कुछ खास बुरा नही है,
पिछ्ले हफ्ते सिर्फ दो बार ही बारिश हुई,एक बार तीन दिन के लिये और दूसरी बार चार दिन के लिये.

जो कोट तुम भेजने के लिये कह रहे थे,उसके लिये तुम्हारे आँटी ने कहा कि वो बहुत ज़्यादा भारी है इसलिये उसे भेजना सभव नही है
इसलिये उन्होने उसके 'बटन' काट कर कोट की जेब मे डाल दिये है

तुम्हारे पिताजी को नई नौकरी मिल गयी है,अब उनके नीचे 500 लोग रहते है,
उन्हे 'कब्रीस्तान' की घास काट्ने का काम मिल गया है.


आज तुम्हारी बहन को बच्चा हुआ है.अभी मुझे ठीक से पता नही है कि लडका हुआ है फिर लडकी,
इसलिये अभी ये कहना मुश्किल है कि तुम 'मामा' बने हो या के 'मामी'.

तुम्हारे चाचा नज़दीक वाले कुए मे गिर गये,
कुछ लोगो ने उन्हे बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उन्होने बहादुरी से मुकाबला किया और डूब गये.
हमने उन्हे दफना दिया और वो तीन दिन तक जलते रहे

तुम्हारा दोस्त 'बलविन्दर' अब ज़िन्दा नही है,अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करते वक्त उसकी मौत हो गयी.
उसके पिता की अंतिम इच्छा मरने के बाद् समुद्र मे दफ्नाए जाने की थी

तुम्हारे दोस्त की मौत अपने पिता के लिये समुद्र मे कब्र खोद्ते वक्त हुई.

फिलहाल कोई खास खबर नही है,कुछ खास नही है बताने के लिए




तुम्हारी माँ



नोट:मै तुम्हे इस खत मे पॆसे भेजने वाली थी लेकिन क्या करू? खत को मै सील कर चुकी


Pyare puttar,


Vahe guru, I am writing this letter slow,
because i know you cannot read fast.
We don't live where we did when you left home.
Your Dad read in the papers that most accidents happen
20 miles from home, so we moved 20 miles away.
I won't be able to send the new address as the last sardar
who stayed here took the house numbers with them for their new house
so they would'nt have to change their address.

This place is really nice. It even has a washing machine,
situated right above the commode.
I am not sure if it work's well.
Last week I put in 3 shirts, pulled the chain & havent seen them since.
The weather here is'nt too bad.
It rained only twice last week.
The first it rained for 3 days & second time for 4 days.

The coat you wanted me to send you,
your aunt said it would be a little too heavy to send in the mail
with all the metal buttons, so we cut them off & put them in the pocket.
Your Father has another job. He has 500 men under him.
He is cutting grass at the cemetry.
Your sister had a baby this morning.
I haven't found out whether it is a girl or a boy,
so I don't know wether you are an aunt or an uncle.
Your uncle Jitender fell in the nearby well.
Some men tried to pull him out, but he fought them off bravely & drowned.
We cremated him & he burned for three days.

Your best friend Balwinder, is no more.
He died trying to fulfill his fathers last wishes.
His father had wished to be buried in the sea after he died.
Your friend died while in the process of digging a grave for his father.
There isnt much more news this time. Nothing much has happened.

love , MOM.

ps: I was going to send you some money but the envelope was already sealed

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