- क्या अजय झा और बी.एस.पाबला जी में पिछले जन्म का कोई रिश्ता है?...
- अगर ऐसा नहीं है तो फिर दोनों के आचार-विचार...लिखने-सोचने के ढंग में एक जैसी समानताएँ कैसे हैँ?...
- क्यों एक को लाल तो दूसरे को पीला रंग पसन्द है?...
- क्यों दोनों की रुचियाँ एक समान हैँ?...
- क्यों अजय झा ने एक पँजाबी लड़की से विवाह किया?...
- क्यों उनके एक के ज़रा से इशारे पे पाबला जी इतनी दूर भिलाई से दिल्ली तक खिंचे चले आए?...
आखिर क्यों?...क्यों?...क्यों?...
और तो और ...दोनों की शक्लें एक दूसरे से इतनी मिलती हैँ कि बस पूछिए मत....
क्या कहा?...आपको विश्वास नहीं हो रहा है....हाथ कँगन को आरसी क्या? और पढे-लिखे को फारसी क्या?...आप खुद देख लीजिए...
दोस्तो!...आज ऐसे ही शरारत करने की सूझी तो मैँने सोचा कि दिल्ली की ब्लॉगर संगोष्ठी में शामिल ना हो पाने के लिए कुछ ब्लॉगर साथियों ने खेद जताया था...और कुछ को हम अपनी इस मंडली में देखना चाहते थे लेकिन किसी कारणवश ये संभव नहीं हो पाया था... तो मैँने सोचा कि क्यों उम्र के इस पड़ाव पर(सठियाने से पहले का समय) कुछ चुहलबाज़ी कर ली जाए और जो साथी चाहते हुए भी हमारे साथ शामिल नहीं हो पाए थे उन्हें कम्प्यूटर की मदद से अपने साथ जोड़ लिया जाए ...
मेरा ये प्रयास आपको कैसा लगा?...अपनी अमूल्य टिप्पणियों के जरिए अवगत कराएँ
18 comments:
hahahahahahahahahahhahah.........
mazaa aa gaya....
ये भी खूब रही...ज़िंदगी भर मेरा चेहरा सफाचट रहा...मूंछ के साथ खुद को देखने की हसरत भी पूरी हो गई...
राजीव तनेजा दा वी जवाब नहीं...
जय हिंद...
बहुत मजेदार .. वैसे रिश्ते की बात करूं .. तो सभी ब्लोगरों का एक दूसरे के साथ पूर्व जन्म का ही महसूस होता है !!
khushdeep ji ke chehre par mahfooz miyan ka chehra
pabla ji ke chehre par ..sharad ji aur jha ji ka chehra
haan saare ke saare janam janam ke saathi hi lag rahe hain...ek baat sab mein common hai...Tond....ha ha ha ha
पहेली होती तो एक एक करके बूझते!! :)
बहुत मजेदार जी,बहुत अच्छा लगा. धन्यवाद
बहुत खूब मजेदार
खूब पहचाना!
बड़े पारखी हो जी!
हा हा हा बहुत खूब राजीव भाई ..
भई पिछले का तो पता नहीं .....हां इस जनम का जरूर बन गया है और मैं चाहूंगा कि ये जनमो जनमों तक बना रहे ...
आपने सबकी कसर पूरी कर दी ...
इस काम में लगी मेहनत का अंदाजा लगा सकते हैं
बहुत खूब।छा गये तनेजा जी।मुझे भी अपनी फ़ोटू तत्काल भेजनी पड़ेगी। हा हा हा हा हा।
बहुत मजेदार है, आनंद आ गया।
सुभान अल्लाह !
कमाल है जी...मजा आ गया...
नीरज
ओ पाई , मैं ताँ पहले ही दस दिया सी .. पाबला जी हम सब के भाई है ..छत्तीसगढ से एक पाबला ही काफी है .. सवा लाख के बराबर ( इतने ब्लॉगर है क्या बाप छत्तीसगढ में ?)मज़ा आ गया .. धन्यवाद
वाह भाई खुशदीप जी की बाडी मे अपुन का थोबड़ा एक दम फ़िट हो गया,बाडी भी अपुन के बराबर है छ:फ़ुटा,अब कभी अपुन का बाडी खराब रहा तो खुशदीप जी से उधार ले लेंगे। काम चल जाएगा,
हा हा हा मजा आ गया।
बहुत बढ़िया !!!! अब तो अपनी भी हसरतें बढ़ने लगी हैं !!!!
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