कर चले हम फिदा जान औ तन साथियो...
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
अरे!...ये क्या?...मैँ तो अभी से मरने की बातें करने लगा....अभी तो हमें बहुत लिखना है...बहुत पढना है...अपने ओजस्वी लेखों के जरिए देश और समाज में अलख जगाना है
आज ऐसे ही दिल में सवाल उठा कि क्या हम ब्लॉगर देशभक्त हैँ?...
- क्या हम में देश सेवा का जज़्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है?
- क्या भ्रष्टाचार और अन्याय होते देख हमारा खून खौल उठला है?...
- क्या किसी गरीब...किसी मज़लूम...किसी बेसहारा के उत्थान के लिए हम दिल से कोशिश करते हैँ?...
शायद नहीं...
गाँधी जी ने अपने समय में हिन्दु.मुस्लिम.सिख और ईसाई...सभी को एकजुट कर के अँग्रेज़ों से लोहा लिया था...लेकिन यहाँ हम छोटी-छोटी बातों को अपना अहम बना लेते हैँ...यहाँ कोई किसी धर्म को लेकर एक पोस्ट लिखता है ...तो हम उसे बहस का मुद्दा बना आपस में लड़ने-झगड़ने लेते हैँ
कल्पना कीजिए कि हम ब्लॉगरों को भी अपने मुन्ना भाई की तरह यदि कभी गाँधी जी से मिलने का मौका मिले तो क्या हम में भी वो जोश...वो ज़ुनून पैदा नहीं हो जाएगा कि हम देश के खिलाफ काम कर रही...हिन्दी ब्लॉगिंग के खिलाफ काम कर रही ताकतों का मुँहतोड़ जवाब दे सकें?
16 comments:
अलबेला खत्री,समीर लाल,शरद कोकास,गिरीश पंकज,गोदियाल साब,दीपक मशल जी,दिनेशराय द्विवेदी जी,महफ़ूज़ भाई,श्रीश पाठक और खुद राजीव तनेजा भी,बाप रे इत्ते सारे मुन्ना भाईयों को एक साथ देख कर इंग्लैण्ड तो क्या अमेरिका भी भाग जायेगा,फ़िर वो क्या बोलते है उनको ब्लागिंग के दुश्मन,वोतो नज़र ही नही आयेंगे।हैप्पी ब्लागिंग्।
भाई राजीव,अपनी कलाकारी से गांधी जी को क्यों बख्श दिया...अब वो नाराज हो गए कि मैं नेहरू से कम पॉपुलर थो़ड़े ही हूं तो फिर क्या जवाब दोगे...
जय हिंद...
Rajiv ji aaj to bahut hi badhiya theam lagai hai- badhai ho lekin itane sare nehruon ko desh kaise jhelega. abhi ek ki hi pidhi chal rahi hai. ha ha ha ha
rajiv ji..... aaj ki yeh post bahut badhiya rahi..... mazaa aa gaya....
बड़ी कठिन है डगर पहचान की,
सर्व श्री समीर जी, द्विवेदी जी, कोकास जी और श्रीष भाई के अलावा पचानना कठिन है।
अभी थाने पहचान की रिर्पोट लिखाते है।
Lage raho Rajeev bhai...maza aaya
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हा-हा, तनेजा साहब बहुत बहुत शुक्रिया आपका, मैंने प्रिंट आउट भी लेकर रख दिया ! कोशिश लाजबाब है !
गांधी जी से गुफ्तगू करवाने का शुक्रिया..
पंडित शरद लाल नेहरू ... को गान्धीजी के साथ बात करते देख अच्छा लगा .. आप जो न दिखलाये वो कम है ... ।
गांधी जी के साथ इतनी महान हस्तियों को देखकर मन गदगद हो उठा !
कला कौशल हेतु बधाई एवं शुभ कामनाएं
वाह क्या बात है? प्रकाश जी ने सही कहा है बधाई
विश्वस्त सूत्रों से बिलकुल ताजा जानकारी मिली है कि गांधी जी के साथ अति गोपनीय वार्तालाप करने वाले महान लोगों में मैं भी शामिल हूँ !
हम खुद को ही नहीं पहचान पाए :)
आज तो कमाल ही कर दिया राजीव जी ने
बताओ भैया हम महान भी बन गए और पता ही नहीं चला
ओतेरे कि ..
इसमें से कई नेहरू तो आजादी मिलने के बाद ..यार ब्लोग्गर के ्रूप में पैदा हो गए..सच्ची यार कसम से ..कसम बापू की ..मैं कोई झूठ बोल रहा हूं ..यार इनमें से कई नेहरू जी तो मैं मिल भी .....क्या नाम हैं यार इनके ..ये तो बडा राज खुल गया भाई
ati sundar...
चलो इस बहाने गाँधी जी से मुलाकात तो हुई
राजीव जी धन्यवाद इस मुलाकात का होस्ट बनने के लिये
हम तो खुद को ढूंढते रह गए। इतने सारे फोटू देख कर कंप्यूटर के पैर भारी हो गए। उस की चाल ही बहुत धीमी हो गयी। लगता है आप का ब्लाग जल्दी ही कुछ महत्वपूर्ण जनमने वाला है।
वैसे खुशदीप भाई वाली सिफारिश ठीक है। पर राष्ट्रपिता के साथ यह सब ठीक न होगा।
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