लीजिए आप सबकी इनायत है एक और कहानी चोर।इन जनाब ने मेरी कहानी 'व्यथा-बिचौलियों की' को चोरी किया है।खास बात ये कि ये चोर कोई छोटे-मोटे चोर नहीं बल्कि राजेश नाम के एक बड़े चॉर्टेड एकाउंटैंट हैँ।इन्हें बड़ा इसलिए भी कहना पड़ रहा है क्योंकि इन्होने बड़ी ही सफाई से मेरी कहानी को इस अन्दाज़ से चोरी किया है कि काम भी हो जाए और आरोप भी ना लगे।शायद इसलिए इन्होने कहानी के साथ मेरा नाम तो लिखा रहने दिया है लेकिन बस उसे इस कदर धुंधला कर दिया है कि कोई आसानी से पढ ना सके।लेकिन जय हो कॉपी स्केप वालों की जिन्होने सिर्फ चन्द सैकैंड में ही बता दिया कि फलानी-फलानी साईट या ब्लॉग पे चोरी का माल रखा है।मैँने इनकी पोस्ट के साथ कमैंट भी छोड़ा है कि आप कहानी के साथ मेरा नाम और मेरे ब्लाग हँसते रहो का नाम भी दें ।देखें क्या होता है?....उम्मीद पे दुनिया कायम है
4 comments:
आज पोस्ट चोरी की ये दूसरी घटना पढ़ रहा हूँ.
भला हो copyscape का.
ये अच्छी बात नहीं हैं। मौलिक मौलिक होता है चोरी चोरी होती है।
उम्मीद पर दुनियाँ कायम है.
ऐसे लोग चोरी क्यों करते हैं? क्या उनके अपनी संवेदना,आदर्श मर चुके है? जो किसी का लेख तक चुराने की नौबत आ जाये?
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