"आओ खेलें हम ब्लॉगर बलॉगर"

"आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर"

***राजीव तनेजा***


सम-समायिक पे तुम लिखो
हास्य में व्यंग्य मैँ लाता हूँ
चिट्ठे पे मेरे तुम टिपिआओ
तुम्हारे चिट्ठे मैँ टिपियाता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

जतन से तुम ये-ये लिखो
प्रयत्न से मैँ वो-वो लिखता हूँ
कॉपी तुम वहाँ से करो
पेस्ट यहाँ से मैँ करता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

एडसैंस मेरी तुम चटकाओ
तुम्हारी किस्मत मैँ ज़माता हूँ
टीका टिपण्णी तुम करो..
नुक्ता चीनी मैँ करता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

तुम मेल कर मेल बढाओ
मैँ मोबाईल से बतियाता हूँ
ओनलाईन नहीं घर आओ
वाईन पकोडे मैँ मँगवाता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

कवि गोष्ठी तुम रखवाओ
ब्लॉगर मीट मैँ बुलवाता हूँ
नॉन वैज तुम खिलवाओ
शाकाहार मैँ परोसवाता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

नारद शरणम तुम जाओ
चिट्ठाजगत हो मैँ आता हूँ
नारद बन चुगली तुम करो
चिट्ठा मैँ सबका फैलाता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...

ब्ळोगवाणी से तुम्हें प्यार हो
सारथी रथ का मैँ घुडसवार हूँ
इष्ट का अपने तुम नाम जपो
सिद्ध को अपने मैँ तकता हूँ

आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...
आओ खेलें हम ब्लागर-बलागर...


***राजीव तनेजा***

9 comments:

Shastri JC Philip said...

"सम-समायिक पे तुम लिखो
हास्य में व्यंग्य मैँ लाता हूँ
चिट्ठे पे मेरे तुम टिपिआओ
तुम्हारे चिट्ठे मैँ टिपियाता हूँ"

वाह क्या कहने. कविता पढ कर मन एक दम फ्रेश हो गया -- शास्त्री

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??

परमजीत सिहँ बाली said...

टिपियाने यहाँ मैं आया हूँ
देखो मुझ को भूल ना जाना
भले पोस्ट मेरी खाली है
पर तुम उस पर जरूर टिपियाना:(

काकेश said...

वाइन और पकोड़े का इंतजार है. कब बुला रहे हैं ब्लॉगर महोदय. :-)

Tarun said...

चिट्ठे पे मेरे तुम टिपिआओ
तुम्हारे चिट्ठे मैँ टिपियाता हूँ"

बहुत अच्छे, पहली लाईन तो हमने पूरी कर दी, अब देखते हैं आप दूसरी लाईन कब करते हैं ;)

रवि रतलामी said...

प्रथम हिन्दी ब्लॉग गीत के बाद यह आपका प्रथम हिन्दी ब्लॉग गान मजेदार रहा :)

संजय बेंगाणी said...

क्या बात है! बहुत खुब लिखा.

mamta said...

मस्त :)

Anita kumar said...

मजा आ गया
तुम यूं ही गाते रहो
मै सुनने को आता हूं

अविनाश वाचस्पति said...

ब्लॉग गान
खोदी खान
सत्यों रूपी
मेहर.बान

 
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