क्या आप प्रसिद्ध होना चाहते हैँ?

  • क्या आप रातोंरात प्रसिद्ध हो ब्लॉगजगत की दुनिया पर छाना चाहते है?...
  • क्या आप चाहते हैँ कि समाचार-पत्रों और मैग्ज़ीनों में आपके नाम व आपके काम के चर्चे हों?....
  • क्या आप चाहते हैँ कि पत्र-पत्रिकाओं के मुखपृष्ठों पर किसी फिल्मी अभिनेता या फिर तारिका के बजाए आपके फोटो लगे हों?...
  • क्या आप चाहते हैँ कि लोग आपको देखते ही झट से पहचान आपकी तरफ दौड़े चले आएँ?...
  • क्या आप चाहते हैँ कि ....

अजी छोड़िए...माँगने से अगर मौत मिल जाया करती तो अब तक आधी से ज़्यादा दुनिया आत्महत्या कर चुकी होती...

कारण?....

कामयाब तो सब होना चाहते हैँ लेकिन मेहनत कोई नहीं करना चाहता....

सफलता सबको चाहिए लेकिन उसको प्राप्त करने के लिए जो जज़्बा...जो दृढ इच्छाशक्ति...जो लगन...जो ज़ुनून चाहिए...वो किसी में भी नहीं है

चाहने से अगर सब कुछ मिलने लग जाए तो बात ही क्या है?"....

क्षेत्र कोई भी हो...परिश्रम हर जगह आवश्यक है...कोई मेहनत कर पसीना बहा कामयाब होता है...तो कोई दिमागी लड़ाई लड़ जंग में जीत हासिल करता है...

उनकी देखा-देखी लेखक जाति के हम जैसे विलुप्त प्राणी इसी आस में लिख-लिख कर हज़ारों-लाखों पन्ने काले करते फिरते हैँ कि किसी  ना किसी दिन तो घूरे के भी दिन फिरेंगे...

ऊपरवाला एक मौका अवश्य देता है...जो उसे भुना ले...वो भुना ले...जो गंवा ले...वो गंवा ले

आप सोच रहे होंगे कि ये अच्छे-भले मसखरे टाईप राजीव को आज अचानक ये क्या हो गया?...कैसी बहकी-बहकी...बेसिर-पैर की बातें कर रहा है?

तो दोस्तों...अपने मुँह से कैसे बताऊँ कि मैँ रात को सोते-सोते पलँग से गिर गया था?...कैसे बताऊँ कि मुझे रात को सपने में तुरत-फुरत कामयाब होने के कैसे-कैसे आईडिया आए थे...

क्या कहा?...आप जानने को उत्सुक हुए जा रहे हैँ?....

ठीक है...तो फिर बिना किसी प्रकार की देरी किए अपना लेटेस्ट फोटो तुरंत मेरी मेल आई.डी पर भेजिए और आप भी इन ब्लॉगरों की तरह पूरी दुनिया पर छा जाईए...

हैप्पी ब्लॉगिंग

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12 comments:

निर्मला कपिला said...

राजीव जी आप भी अच्छा मज़ाक कर लेते हैं सपने मे तो हम भी कई बार टाप पर रह चुके हैं ।हाँ मगर आप जितने नहीं कि बिस्तर से गिर जायें । शुभकामनायें

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत सुन्दर तनेजा साहब, मैं तो सिर्फ लेख पढ़कर सोच रहा था कि आज जनाव कुछ खरी -खरी सूना गए, शायद उपदेश देने का मूड हो ! लेकिन बाद में नीचे मैगजीन पर नजर पडी तब कुछ समझा !

संगीता पुरी said...

वाह .. क्‍या कलाकारी है !!

शरद कोकास said...

वाह कितने ही लोगों के दबे-कुचले अरमान पूरे हो गये... !!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

राजीव भाई-तुस्सी ओए कमाल कित्ता। हा हा हा हा

M VERMA said...

अरे वाह हम तो लोकप्रिय हो गये और वो भी तनेजा जी की बदौलत
बहुत खूब

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

आप भी गज़ब करते हैं...... मज़ा आ गया......

Anshu Mali Rastogi said...

यह तो बैठे-बैठाए चरचा हो जाएगी।

vandana gupta said...

very good...........aise bhi famous huaa jata hai.........achche tarike bataye hain.

राज भाटिय़ा said...

राजीव जी क्या बात है, जबाब नी जी आप का.
धन्यवाद

Khushdeep Sehgal said...

वाकई काके दा पेट्रोल खत्म नहीं होंदा...

जय हिंद...

Pramendra Pratap Singh said...

हा हा हा

लिस्‍ट तो अच्‍छी थी :)

 
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