"स्टिंग आप्रेशन"

"स्टिंग आप्रेशन"

***राजीव तनेजा***


"हद हो गयी इन'स्टिंग आप्रेशनों'की"..

"किसी को भी नहीं बक्शते"

"पता नहीं क्या मिलता है इनको गडे मुर्दे उखाडने से?"या फिर...

"क्या मिल जाएगा इस सब से?"

"किसी की इज़्ज़त-आबरू को कुछ समझते ही नहीं ये'मीडिया'वाले"


"इन्हें तो बस अपनी'टी.आर.पी'की पडी होती है कि...

'कैसे भी'...

'किसी भी जायज़-नाजायज़ तरीके से बस बढनी चाहिए"


"पता नहीं किसका हाथ है इस सब के पीछे?"...

"कौन करवा रहा है ये सब?"


"ऐसे कई सवाल हमारे-आपके दिमाग में किलोल करते है हरदम लेकिन...

कोई उत्तर नहीं शांत कर पाता हमारी जिज्ञासाओं को"


"किसी भी'चैनल'को देख लो..

पडा होगा हाथ धो के किसी ना किसी मशहूर हस्ती के पीछे "...

मानों पिछले जन्म का कर्ज़ा वसूलना हो जैसे"


"अब अपने'बिग बी'को ही लो...

एक विवाद से पीछा छूटता नहीं है कि दूसरा आ दामन थाम बैठता है"...


"कभी किसान विवाद"तो कभी...

"अन्धविश्वास विवाद"...


"कभी ये देश भर के मन्दिरों में माथा टिकाए नज़र आते हैँ तो कभी...

अपनी बहू का किसी'पेड'तो कभी किसी'पत्ते'से विवाह रचा रहे होते है ग्रह शांति के लिए"


"अब उनकी मर्ज़ी"...

"जिएँ चाहे मरें"...

"मर्ज़ी हो तो लाख बार रचाएं'विवाह'"..


"मीडिया को इसमें टट्टू लेना है?"...


"लेकिन नहीं ...चोली-दामन का साथ जो है इनका'बिग बी'और उनके परिवार के साथ"...

"तो कैसे पीछा छोड दें?"


"कोई और'टापिक'मिला नहीं होगा तो सोचा कि...

भैय्या!..चलो कुछ गडे मुर्दों पर ही हाथ साफ कर लिया जाए"...


"इसमें नया क्या है?"...


"पता है सबको कि...

'रानी'और'ऐश'के बीच छत्तीस का आँकडा है आजकल"...


"सो!..इसे ही भुना लो...

'करैंट अफेयर'भी हो जाएगा और मनोरंजन भी"...


"सभी'चैनल'भी तो यही जुगत भिढा रहे हैँ'पापुलर'होने के लिए"...


"हमने कर दिखाया तो!..गुनाह हो गया?"...

"पाप!..हो गया?"

"अरे वाह!..?"


"दो चार दिन इसी के बलबूते बढा ली जाए अपनी'टी.आर.पी'...

"फिर की फिर सोचेंगे"



"हद है यार!...

ये मुय्या'स्टिंग'ना हुआ'आफत'का तूफान हो गया"...


"पड गये अपनी'बबली'के पीछे"...


"खोद के निकाल लाए छुपती-छुपाती खबर"


"पता नही कहाँ से हाथ लग गयी इनके अपने'बँटी'और'बबली'की'एक्सक्लूसिव'तस्वीर"


"अब तमाशा बनाए फिर रहे हैँ"

"देख के ही माथा सनक गया अपुन का"...

"झटका लगा तगडा"..

"हम भी आ गए ताव में"

"सोचा कि चलो आज इन मुय्ये'चैनल'वालों की ही पोल खोल डालें"...

"लेकिन फिर सोच के सोचा कि क्यूँ ना मैँ भी बहती गंगा में हाथ धो लूँ?"

और लगे हाथ बढा डालूँ अपने ब्लाग की'टी.आर.पी'?"

"अपुन के बाप का क्या जाता है?"


"वैसे भी ये अपने'सैलीब्रिटीज़'तो तरसते फिरते हैँ'पब्लिसिटी'के लिए"..


"अब बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा?"

"तो भैय्या मेरे!..आप भी खुल के ...'खुल्ले दर्शन'कर लो"...

"क्या मालुम कल को अपने'बिग बी'का रसूख क्या रंग लाए?और...

मेरा भी किसी'स्टिंग आप्रेशन'के दौरान'एंकाउंटर'हुआ पाए"





बन+टी+बबली(पैपसी)


***राजीव तनेजा***

1 comments:

Anonymous said...

Yaar Kahaan kahaan se dhundh kar laate ho aise topics? And really Bunti and Bubbly are exclusive here too...

 
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