"रहम कर रहम कर रहम कर"

"रहम कर रहम कर रहम कर"

***राजीव तनेजा***

मेरी बाज़ुएँ मेरे कन्धे मेरी कमर
कर रही है सब की सब कड़-कड़
ओ बेरहम ..
ना धुलवा बरतन और कपड़े मुझसे
रहम कर रहम कर रहम कर








***राजीव तनेजा***

5 comments:

Anonymous said...
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अमिताभ said...

bahut khoob

सुशील छौक्कर said...

आशा है यह राजीव नही है। लगे रहो।खैर दो चीजे सीखी जा सकती है कि "मुझपे" पर लिंक कैसे डाला ओर video clip की कैसे फोटो ले सकते है जैसे आप ने ली. बताना

अविनाश वाचस्पति said...

सुशील भाई
यह भी किसी का राजीव ही है
आपने यह कैसे कह दिया कि
राजीव नहीं है, आशा से जोर
दार विश्‍वास होता है, हुआ
विश्‍वास, भरपूर लो श्‍वास.

कड़ कड़ की धुनकी में गए भूल
ऊंगलियां भी कड़कती हैं कड़ कड़
अंगूठा भी फड़कता है फड़ फड़
अगली बार मत भूलना जिनसे
लिखते हो, वही तो हैं अंगूठा
जो देता है स्‍पेस और ऊंगली
देती है ठोक, बिना ठोके नहीं
ठुकते विचार, समझे यार.

Anonymous said...

सबका ऐसा हाल है ।

 
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