अरे!…कोई समझाओ ना इन हिन्दी ब्लोगरों को- राजीव तनेजा

     

rajiv

अरे!…कोई समझाओ यार इन हिन्दी ब्लोगरों को…सैन्टुआ गए हैं ससुरे सब के सब…गए थे राम भजन को ओटने लगे कपास…

इसे कहते हैं मति-मति का फेर होना…

“अरे!..भईय्यी जिस काम से गए थे…उसी को करो ना ठीक से…. ये क्या कि वहाँ की मच्छी मार्का धरती पसंद आ गयी तो वहीँ बसने की सोच ली?”..

“आप तो ऐसे ना थे"….

“क्या कहा?…वापिस नहीं लौटोगे?”..

“ये तो कोई बात नहीं हुई कि वापिस नहीं लौटोगे….कल को तुम्हें ऐश्वर्या या फिर बिपाशा पसंद आ गयी तो क्या मैं उनके साथ पूरी जिंदगी तुम्हारी फोटो बनाता फिरूँ?”…

“और कोई काम है कि नहीं मुझे?”..

“अब कैटरीना या करीना की बात हो तो मैं थोड़ी मेहनत भी करूँ लेकिन ये क्या कि ऐश्वर्या और बिपाशा….वो भी असली वाली नहीं…डुप्लीकेट"…

“हुँह!…बड़े आए फोटो बनवाने वाले”…

“उतार दो…उतार दो अपने दिमाग से ये फितूर कि इस तरह भेष बदने से कोई तुम्हें पहचानेगा नहीं …दो मिनट में…हाँ!…दो मिनट में ही धार लिए जाओगे"…

“वर्क परमिट या फिर वीसा है तुम्हारे पास वहाँ ठहरने का?”…

“क्या कहा?…कोई नहीं पहचानेगा?”…

“अरे!…छोड़ो ये सुनहरे ख़्वाब देखना ….दो मिनट में ही पहचान लिए जाओगे खुद अपने ही संगी-साथियों द्वारा"…

“क्या कहा?…नहीं है विश्वास मेरी बात का"…

“ठीक है…तो फिर हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े-लिखे को फारसी क्या?…मैं खुद ही पूछ लेता हूँ उन सब से”….

“क्यों?…भाई लोग…क्या कहते हैं आप?”… 

“अरे!…छोड़ो ये पहेली-वहेली का चक्कर…पहले ही बहुत पका चुका हूँ उन सब को अपनी चित्रमयी पहेलियों से”…

“किसी का कोई सखा या फिर सहेली खामख्वाह नाराज़ हो गई इस चक्कर में मुझे लेने के बजाय उलटा देने पड़ जाएंगे…कमैंट्स उनके ब्लोगों पर जा-जा के”…

 

girish billore

 girish pankaj

 lalit

 ajay jha

 albela

 khushdeep......

 kokas

sameer and anup

satish

pabla

 padam

    shivam

अच्छा!…दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ‘होली' तो कब की हो..ली…इसलिए अब इस चुहलबाजी को यहीं विराम देते हुए इस श्रृंखला को यहीं समाप्त किया जा रहा है….

“अरे!…ये क्या?…आप तो छोटे बच्चों की तरह मायूस होने लगे…हट!…पगले…ऐसे भी कोई करता है क्या?…मैं अभी ज़िंदा हूँ…और फिर और भी तो मौके आएंगे इस सब के लिए”…

तो दोस्तों…जिंदगी के किसी ना किसी मोड पे फिर कोई नई चुहलबाजी ले के मैं हाज़िर हो जाऊंगा…आप चिंता क्यों करते हैं?…बस आप ‘हँसते रहो’ पे रेगुलर विज़िट ज़रूर करते रहना…आपको मेरी कसम"..

विनीत:

राजीव तनेजा

rajivtaneja2004@gmail.com

http://hansteraho.com

+919810821361

+919213766753

+919136159706

31 comments:

vandana gupta said...

इस बार होली मे बहुत ही सुन्दर रंग भरे हैं ……………आपका ये अन्दाज़ बहुत पसन्द आया।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आज सच में बंगलादेश पहुंच गए। व्यंग्य चित्रों के माध्यम से बंगलादेश की दशा का उम्दा चित्रण किया है।

आभार

प्रतिभा कुशवाहा said...

bahut acha rajiv ji :)

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

गिरीश दादा को दो चटाई बनाने का आर्डर अभी से दे देना। नहीं तो बाद में घपला हो सकता है।:)

बाल भवन जबलपुर said...

अरे बाप रे

बाल भवन जबलपुर said...

जी
ललित जी
मच्छी-भात खालूं तुलसी
डाल के आज़ उपास है न आपको कित्ती चाहिये, एक उदय के लिये टिमकी बजाएगें एक आपके लिये,और दो यानी चार पांच हज़ार रुपया का खर्चा लगेगा

Padm Singh said...

गजब है भाई... सुपर्ब चित्र लगाए अबकी बेरी तो :)

सारे फोटो एकदम जबरदस्त.... पता होता बंगलादेश में ये हाल होगा तो अपना चाश्मीला हुस्न समेटे इधारीच रहते...जाते ही क्यों... खामखा बच्चे हलाकान हो गए जी ...:)

Sushil Bakliwal said...

सुपरहिट.

shikha varshney said...

ha ha ha Superb..

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा श्रृंखला रही ... बहुत बहुत बधाइयाँ ... आगे भी ऐसी श्रृंखला का इंतज़ार रहेगा !

Ravinder Punj said...

हस रहे हैं, मुस्‍कुरा रहे हैं।

धन्‍यवाद।

ताऊ रामपुरिया said...

आज तो सबको ही बना डाला सबको. जमीन आसमान को एक साथ?:)

रामराम.

Udan Tashtari said...

हा हा..मजा आ गया...हँसते रहो

girish pankaj said...

ha...ha....ha. har baar ki tarah ''hansane ka mauka mil gayaa. gazab ke dimaag paya hai bhai.. bura n mano holi hai.

Patali-The-Village said...

बेहद उम्दा श्रृंखला रही ... बहुत बहुत बधाइयाँ

अजय कुमार झा said...

हा हा हा हा ्बहुत लाजवाब बहुते सन्नाट ..तभिए न एन डीटीवी पे दहाड के ्बोले थे ..ई जो कॉमेडी सर्कस है न .ससुरा इस हंसते रहो के सामने फ़ीका है ....हा हा हा हा होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ...इस दिल्ली ने हमें एक खिलखिलाता दोस्त भी दे दिया ..ओह एक नहीं एक जोडा ..भई आप तो ब्लॉगजगत का सबसे प्यारा ब्लॉगर जोडा है जी । होली की शुभकामनाएं

डॉ टी एस दराल said...

मियां लगता है इस बार होली पर कंप्यूटर पर ही बैठे रहे । :)
अच्छा हास परिहास है ।

honesty project democracy said...

वाह भाई वाह..राजीव जी ने तो वाकई इन ब्लोगरों को इनका भविष्य बता दिया है इन भ्रष्टाचारी मंत्री और उनके धनपशु उद्योगपति के देश में....

अनूप शुक्ल said...

अब कौन समझायेगा भैया इन ब्लागरों को! बाकी मजे खूब ले लिये! आ गये। होली के बहाने। जय हो!

राज भाटिय़ा said...

सच मे बहुत मेहनत की आप ने, बहुत सुंदर लगी आप की आज की डाक

अनामिका की सदायें ...... said...

aapki kasam ki laaz rakh li hai...visit kar liya hai sabhi chehron ka. badhiiiiiiiiiiyaaaa hai ji.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

apki mehnat ne rang jama diya...:)

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

हा हा ..... मान गए आपकी पारखी नज़र और उसपे हंसी का ये कहर.....बहुत ही मजेदार!

तरूण जोशी " नारद" said...

राजीव जी आपको भी मैं सबका पता मैं जोड़ना चाहता हूँ कृपया अनुमति देवें

Satish Saxena said...

मरवा दिया यार ...लगता है बंगला देश पंहुचा दिए गए हैं !

अविनाश वाचस्पति said...

देर नहीं है
कल मौका तैयार है
जुट जाइये।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

Kamaal hai.
Sab ek par ek.

Unknown said...

aare kitno ko ek saath lapet liye ho. ab kaa ye hee karte rahoge.

na blogar kee kamaai hai naa karobaar hai koi
mahaj hasne hasaane ko ye dil se post likhte hain

निर्मला कपिला said...

haa haa haa . देर से ही सही पढा तो . है न कमाल -- शुभकामनायें।

निर्मला कपिला said...

मन ही मन हंस दिये आपकी कसम।

संगीता पुरी said...

यह भी खूब रही !!

 
Copyright © 2009. हँसते रहो All Rights Reserved. | Post RSS | Comments RSS | Design maintain by: Shah Nawaz